भारत ने मंगलवार (21 अक्टूबर, 2025) को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में स्थित अपने दूतावास में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है. विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि भारत अफगानिस्तान में अपनी राजनीतिक उपस्थिति को तकनीकी मिशन से पूर्ण दूतावास के स्तर तक अपग्रेड करेगा. यह कदम तालिबान सरकार के साथ भारत की बढ़ती सहभागिता का हिस्सा है. हालांकि, भारत ने अभी तक साल 2021 के अगस्त महीने से फिर से सत्ता में लौटे तालिबान शासन को औपचारिक मान्यता नहीं दी है.
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से यह घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने हाल ही में अपना भारत का दौरा पूरा किया था. मुत्ताकी का दौरा तालिबान के किसी भी वरिष्ठ नेता की भारत यात्रा का पहला मौका था. 10 अक्टूबर, 2025 को दिल्ली में आमिर खान मुत्ताकी के साथ बातचीत के बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा था कि भारत काबुल में अपनी राजनयिक भूमिका को अपग्रेड करेगा.
तालिबान के लौटने पर भारत ने अपने अधिकारियों ने बुलाया था वापस
उल्लेखनीय है कि भारत ने साल 2021 में तालिबान के सत्ता में वापस लौटने के बाद अपने सभी अधिकारियों को अफगानिस्तान से वापस बुला लिया था और अपने सभी मिशन को भी बंद कर दिया था. लेकिन, जून 2022 में एक मध्यम स्तर के राजनयिक की अगुवाई में भारत ने एक तकनीकी टीम को अफगानिस्तान भेजा था और काबुल में एक सीमित राजनयिक उपस्थिति को फिर से स्थापित किया था.
विदेश मंत्रालय ने बयान में क्या कहा?
An MEA press release reads, “In keeping with the decision announced during the recent visit of the Afghan Foreign Minister to India, the Government is restoring the status of the Technical Mission of India in Kabul to that of Embassy of India in Afghanistan with immediate effect.… pic.twitter.com/NUSCQRRXM2
— Press Trust of India (@PTI_News) October 21, 2025
भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा, ‘अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के हाल ही में भारत यात्रा के दौरान घोषित फैसले के मुताबिक भारत सरकार तत्काल प्रभाव से काबुल में भारत के तकनीकी मिशन का दर्जा फिर से बहाल करते हुए उसे अफगानिस्तान में भारत के दूतावास के रूप में स्थापित कर रही है.’ मंत्रालय ने कहा, ‘यह फैसला इस बात को रेखांकित करता है कि भारत अफगानी पक्ष के साथ पारस्परिक हितों के सभी क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
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