संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान ने भारत में आतंकी हमले करने वालों को फ्रीडम फाइटर बताया है. उसका इशारा कश्मीर में दहशतगर्दी फैलाने वाले आतंकियों पर था. उसने कहा कि ये फ्रीडम फाइटर थे, जो विदेशी कब्जे के विरोध में अपने अधिकार का इस्तेमाल कर रहे थे. देश में आतंकवाद को स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ने पर भारत ने यूएन में पाकिस्तान को खूब लताड़ लगाई है. अब पाकिस्तानी पत्रकार और ह्यूमन राइट्स एक्टीविस्ट आरजू काजमी ने भी अपनी सरकार को खूब खरी-खोटी सुनाई है. उन्होंने कहा है कि जब हमारे देश में हमले होते हैं तो हम उन्हें आतंकवादी कहते हैं और जब वैसा ही कश्मीर में हो तो हम उन्हें फ्रीडम फाइटर कहते हैं.
आरजू काजमी ने कहा कि जो मुल्क के अंदर हमले कर रहे हैं, वो भी टेरेरिस्ट हैं और जो मुल्क के बाहर कर रहे हैं, वो भी, लेकिन हमने कभी आतंकवाद को खत्म करने के लिए काम करना जरूरी ही नहीं समझा क्योंकि वो हमें जिहादी लगते हैं. उन्होंने कहा कि जो कश्मीर में कर रहे हैं, उन्हें हम फ्रीडम फाइटर बता देते हैं और जो हमारे सिर के ऊपर आकर फट जाते हैं, उन्हें हम टेरेरिस्ट कह देते हैं तो हमें ये चीज ठीक करने की जरूरत है.
आरजू काजमी ने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान का भी ठेका लेकर रखा है कि वहां के विदेश मंत्री कहां जाएंगे, कहां नहीं जाएंगे. भारत जाएंगे तो हम नाराज हो जाएंगे तो पाकिस्तान दूसरों के काम में टांग अड़ाना छोड़ दे तो ही बेहतर रहेगा.
आरजू काजमी ने कहा, ‘भारत आप पर बार-बार आतंकवाद के आरोप लगाता है तो उन ग्रुप्स को पाकिस्तान खत्म करे ताकि मसला हल हो जाए. अभी हाफिज सईद को आपने किसी जेल में नहीं रखा, हाउस अरेस्ट करके रखा है, जबकि इमरान खान को आपने जेल में रखा हुआ है, जो प्रधानमंत्री रह चुके हैं और उन पर कोई टेरेरिज्म का आरोप नहीं है. इसी तरह बाकी के ग्रुप्स भी हैं, जिन्हें पाकिस्तान ने नाम बदल बदल कर रखा हुआ है. बजाय उनको अरेस्ट करने के आप लोगों को ये बता रहे हैं कि हमारे यहां तो कुछ है ही नहीं और भारत यहां दहशतगर्दी के लिए फंड कर रहा है. अगर भारत फंड कर रहा होता तो पाकिस्तान में इतनी गुर्बत होती?’
तहरीक ए लब्बैक (TLP) को बैन किए जाने के पाकिस्तान सरकार के फैसले पर आरजू काजमी ने कहा कि ये इमरान खान के जमाने में भी लगा था और कुछ ही दिनों में हटा भी दिया था, साथ ही इलेक्शन में भी हिस्सा लेने दिया. उन्होंने बताया कि उस समय टीएलपी कराची में तीसरी सबसे बड़ी जमात थी, जिसे ज्यादा वोट मिले. उन्होंने कहा कि इससे ही अंदाजा लगा लो कि उसके समर्थन में कितने लोग हैं.
आरजू काजमी ने कहा कि तहरीक ए लब्बैक तो पाकिस्तान के ही बनाए हुए लोग हैं, जब इनका दिल करता है ये इन्हें फैजाबाद चौक या डी चौक पर बिठा देते हैं और जब दिल करता है, तब अंदर कर देते हैं. ये सिर्फ एक तमाशा लगाया हुआ है इन्होंने.





