Pakistan on tri-services exercise Trishul: भारत का त्रि-सेवा (थलसेना, नौसेना और वायुसेना) संयुक्त युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’ ऐसे समय में आयोजित हो रहा है जब तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की गतिविधियां इस्लामाबाद तक पहुंच चुकी हैं. इस अभ्यास ने पाकिस्तान की चिंताओं को और बढ़ा दिया है.
पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ़ चौधरी ने रावलपिंडी में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत के दौरान भारत को चेतावनी देते हुए कहा, “भारत को यह जान लेना चाहिए कि इस बार हमारा जवाब और भी मजबूत होगा.”
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने कही ये बात
लेफ्टिनेंट जनरल चौधरी ने आगे कहा, “पाकिस्तान भारत के त्रि-सेवा युद्धाभ्यास पर बारीकी से नज़र रखे हुए है. भारत अरब सागर में एक और फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन (झूठा हमला दिखाने की साजिश) की तैयारी कर रहा है.”
वहीं, भारतीय खुफिया एजेंसियों के शीर्ष सूत्रों ने पाकिस्तान के इन बयानों को “रणनीतिक अस्थिरता और घबराहट” का संकेत बताया है. सूत्रों के मुताबिक, “पाकिस्तान की राजनीतिक स्थिति पहले से ही रावलपिंडी के कारण अस्थिर है. डीजी आईएसपीआर का यह बयान सिर्फ एक नैरेटिव है. उनका उद्देश्य घरेलू मोर्चे पर एकता दिखाना है, जबकि देश के अंदरूनी हालात उनके नियंत्रण से बाहर हो चुके हैं.”
थल, वायु और नौसेना की संयुक्त शक्ति का प्रदर्शन
3 नवंबर से शुरू हुआ भारत का त्रि-सेवा युद्धाभ्यास ‘त्रिशूल’ भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त शक्ति का प्रतीक है. यह विशाल स्तर का बहु-क्षेत्रीय युद्धाभ्यास अरब सागर से लेकर आसमान तक फैला है. यह ऑपरेशन सिंदूर के बाद का पहला ऐसा बड़ा अभ्यास है, जो 13 नवंबर तक चलेगा. इस मेगा ड्रिल में एकीकृत युद्ध, त्वरित सैन्य तैनाती और समुद्री प्रभुत्व के परिदृश्य का अभ्यास किया जा रहा है. अभ्यास का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच तालमेल और रणनीतिक समन्वय को और मजबूत बनाना है.
पाकिस्तान में बढ़ी बेचैनी
हालांकि यह एक नियमित सैन्य अभ्यास है, लेकिन पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों ने इसे लेकर अत्यधिक सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. सूत्रों का कहना है कि इस तरह की प्रतिक्रिया पाकिस्तान की रणनीतिक घबराहट और राजनीतिक अस्थिरता को दर्शाती है.





