करुंगली माला आखिर सोशल मीडिया पर क्यों छाई है? खरीदने से पहले जान लें इसकी सच्चाई

करुंगली माला आखिर सोशल मीडिया पर क्यों छाई है? खरीदने से पहले जान लें इसकी सच्चाई


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Karungali Mala: करुंगली माला, आबनूस की लकड़ी (Ceylon ebony) से बनाई जाती है. दक्षिण भारत और श्रीलंका में इस लकड़ी के पेड़ पाए जाते हैं. ये पेड़ उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं भारत के अलावा मलेशिया, इंडोनेशिया, म्यांमार और पश्चिमी अफ्रीका जैसे अन्य देशों में भी करुंगली पेड़ पाए जाते हैं.

बीते कुछ समय से करुंगली माला सोशल मीडिया पर छाई हुई है. युवा वर्ग में इसका क्रेज काफी है. ये माला अब इंस्टाग्राम-रील्स से लेकर बॉलीवुड यहां तक की बड़े-बड़े एक्टर, बिजनेसमैन तक सबकी गर्दन में दिख रही है. लेकिन जिस तरह के दावे इस माला को लेकर किए जा रहे हैं वे कितने सही हैं? 

करुंगली माला (Karungali Mala) को लेकर तथाकथित जानकार दावा करते हैं कि ये माला नजर, ग्रह-दोष, और नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा करती है. लेकिन सवाल ये है कि क्या यह सच में डिवाइन प्रोटेक्शन डिवाइस है या बस सोशल-मीडिया का नया Fashion Placebo?

करुंगली माला क्या है?

करुंगली यानी Ebony Wood (Diospyros ebenum) दक्षिण भारत की घनी, गहरी-काली पवित्र लकड़ी है. जिसका तमिल शब्द करुंग का अर्थ होता है काला, और अली का अर्थ होता है पेड़. इसी लकड़ी से 108 दाने वाली माला बनाई जाती है.

जिसे तमिल परंपरा में ध्यान, जप और रक्षा के लिए पहना जाता है. इसे लेकर एक Fun Fact ये भी है कि असली करुंगली लकड़ी इतनी घनी होती है कि पानी में डूब जाती है.

करुंगली माला का रहस्य

तमिल सिद्ध परंपरा में इसे ऊर्जा कवच माना गया है. कहा जाता है यह माला शनि और मंगल के अशुभ प्रभाव को शांत करती है. कुछ भक्त इसे मुरुगन (कार्तिकेय) से जुड़ा पवित्र प्रतीक मानते हैं, क्योंकि मुरुगन की Vel (भाला) को भी कभी-कभी करुंगली लकड़ी से तैयार किया जाता है.

कई योगी इसे ध्यान-साधना के समय धारण करते हैं, क्योंकि लकड़ी की वाइब्रेशनल फ्रीक्वेंसी मस्तिष्क को स्थिर करती है, ये एक विश्वास है. इसका वैज्ञानिक आधार स्पष्ट नहीं है.

वहीं इस माला को लेकर शास्त्रीय प्रमाण भी सीमित हैं. कोई पुराण या वेद सीधे इस माला का उल्लेख नहीं करता. इसका आधार मुख्य रूप ms लोकआस्था पर निर्मित है.

सोशल मीडिया पर करुंगली माला क्यों छाई हुई है?

सेलिब्रिटी इफेक्ट: साउथ इंडियन एक्टर्स और कई इन्फ्लुएंसर्स इसे पहनते दिखते हैं. लोगों को लगने लगा कि यह फैशन में आध्यात्मिकता का प्रतीक है. रील्स और यू-ट्यूब पर Why Celebrities are Obsessed with Karungali Mala! जैसे टाइटल्स ने इसे वायरल कर दिया है.

जिस कारण लोग इसके प्रति आकर्षित हो रहे हैं. सोशल मीडिया पर कई पेज इसे शनि दोष निवारक और ऊर्जा-संतुलन का साधन बताकर बेच रहे हैं. जो लोग खुद को Spiritual but non-religious मानते हैं, उनके लिए यह परफेक्ट मिक्स बन गई है.

असली- नकली का खेल

एबनी लकड़ी दुर्लभ है और कई देशों में इसके व्यापार पर CITES रेगुलेशन है. इसलिए नकली करुंगली की भरमार है. असली लकड़ी भारी होती है, पानी में डूब जाती है, और इसमें धात्विक चमक होती है. नकली माला अक्सर रंगे हुए सागौन या एकेशिया से बनाई जाती है.

करुंगली माला की लोकप्रियता इस बात की गवाही है कि आज का युवा आध्यात्मिकता को नकार नहीं रहा है, वह उसे स्टाइलिश और फैशन के तौर में पहनना चाहता है.

विद्वानों की मानें तो सोशल मीडिया पर जिस तरह से इस माला को पेश किया जा रहा है उससे प्रतीत होता है कि यह माला बस एक आभूषण नहीं है, यह आधुनिक समय का Faith Meets Fashion का सिंबल बन गया है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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