अमेरिका ने चीन के साथ संभावित टकराव की तैयारी के लिए अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर दिया है. पेंटागन ने देश के मिसाइल निर्माताओं से 12 अहम हथियार प्रणालियों के उत्पादन को दोगुना या चौगुना करने को कहा है. इसके साथ ही चीन ने अपनी रणनीतिक खनिज सामग्री की तस्करी पर सख्ती बढ़ा दी है, जो रक्षा उपकरण निर्माण में इस्तेमाल होती हैं.
पेंटागन का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
पेंटागन ने उत्पादन बढ़ाने के लिए म्यूनिशन एक्सेलेरेशन काउंसिल बनाई है. डिप्टी डिफेंस सेक्रेटरी स्टीव फाइनबर्ग नियमित रूप से कंपनियों के प्रमुखों से संपर्क कर उत्पादन बढ़ाने की रणनीति पर चर्चा कर रहे हैं. इस योजना के तहत, अगले 6, 18 और 24 महीनों में हथियारों के उत्पादन को वर्तमान मात्रा का 2.5 गुना करने का लक्ष्य रखा गया है.
फोकस में प्रमुख हथियार
उत्पादन बढ़ाने वाले हथियारों में पैट्रियट इंटरसेप्टर, लॉन्ग रेंज एंटी-शिप मिसाइल, स्टैंडर्ड मिसाइल-6, प्रिसिजन स्ट्राइक मिसाइल और जॉइंट एयर-सर्फेस स्टैंडऑफ मिसाइल शामिल हैं. खासकर पैट्रियट मिसाइल के लिए पेंटागन सालाना लगभग 2,000 यूनिट्स उत्पादन का लक्ष्य रख रहा है, जो वर्तमान दर से लगभग चार गुना अधिक है.
वित्तीय और आपूर्ति चुनौतियां
कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धन और पेंटागन की खरीद प्रतिबद्धता की जरूरत है. मिसाइल बनाने में समय और लागत बहुत अधिक होती है, नई आपूर्ति करने वाली कंपनियों के लिए क्वालिफिकेशन प्रक्रिया में कई महीने और करोड़ों डॉलर लग सकते हैं.
चीन की सुरक्षा कड़ी
इस बीच, चीन ने विदेशी देशों द्वारा रणनीतिक खनिज जैसे एंटीमोनी की तस्करी रोकने के लिए कड़ी निगरानी बढ़ा दी है. हाल ही में आठ संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिन पर खनिज को अवैध रूप से विदेश भेजने का आरोप है. एंटीमोनी उच्च प्रदर्शन वाले हथियार प्रणालियों और रक्षा उपकरणों में व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है.
वैश्विक रणनीतिक तनाव
चीन ने दिसंबर 2024 में अमेरिका को गैलियम, जर्मेनियम और एंटीमोनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिससे इन सामग्रियों की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ गई हैं. पेंटागन की उत्पादन बढ़ाने की पहल और चीन की कड़ी निगरानी से वैश्विक रक्षा और खनिज आपूर्ति श्रृंखला पर दबाव बढ़ सकता है.