क्या आपको भी बार-बार होती है टेंशन? इन 5 तरीकों से मन को मिलेगा सुकून

क्या आपको भी बार-बार होती है टेंशन? इन 5 तरीकों से मन को मिलेगा सुकून


अगर आपका मन भी लगातार बेचैन रहता है या शरीर हमेशा तनाव में महसूस करता है तो आप अकेले नहीं है. दरअसल यह कंडीशन आजकल कई लोगों में देखने को मिल रही है. हालांकि कुछ आसान तरीके अपनाकर आप अपने मन को शांत कर सकते हैं.

दरअसल जब हम टेंशन में होते हैं तो हमारा सारा ध्यान सोचने, प्लानिंग करने या सबसे बुरे ख्याल में चला जाता है. ऐसे में जरूरी है कि कुछ पल अपने शरीर पर ध्यान दें. साथ ही महसूस करें कि अभी आपका शरीर कैसा लग रहा है. जैसे कंधों में जकड़न, दिल की तेज धड़कन या पेट में भारीपन लग रहा है. एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे में आपको ध्यान देना चाहिए कि आपका शरीर क्या कह रहा है, जिससे यह तरीका आपको वर्तमान में लौटने और मन को शांत करने में मदद करता है.

दरअसल जब हम टेंशन में होते हैं तो हमारा सारा ध्यान सोचने, प्लानिंग करने या सबसे बुरे ख्याल में चला जाता है. ऐसे में जरूरी है कि कुछ पल अपने शरीर पर ध्यान दें. साथ ही महसूस करें कि अभी आपका शरीर कैसा लग रहा है. जैसे कंधों में जकड़न, दिल की तेज धड़कन या पेट में भारीपन लग रहा है. एक्सपर्ट बताते हैं कि ऐसे में आपको ध्यान देना चाहिए कि आपका शरीर क्या कह रहा है, जिससे यह तरीका आपको वर्तमान में लौटने और मन को शांत करने में मदद करता है.

इसके अलावा ज्यादातर लोग टेंशन होने पर खुद से कहते हैं कि अब सोचना बंद कर दो या शांत रहो, लेकिन इससे बेचैनी और बढ़ जाती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि खुद को शांत करने से अच्छा आप इस भावनाओं को एक्सेप्ट करें और खुद से कहे, अभी ऐसा महसूस करना ठीक है. जब आप टेंशन को एक्सेप्ट करते हैं तो शरीर और दिमाग धीरे-धीरे रिलैक्स होने लगता है और स्ट्रेस कम हो जाता है.

इसके अलावा ज्यादातर लोग टेंशन होने पर खुद से कहते हैं कि अब सोचना बंद कर दो या शांत रहो, लेकिन इससे बेचैनी और बढ़ जाती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि खुद को शांत करने से अच्छा आप इस भावनाओं को एक्सेप्ट करें और खुद से कहे, अभी ऐसा महसूस करना ठीक है. जब आप टेंशन को एक्सेप्ट करते हैं तो शरीर और दिमाग धीरे-धीरे रिलैक्स होने लगता है और स्ट्रेस कम हो जाता है.

वहीं जब मन बहुत परेशान हो तो किसी बड़े काम के बारे में सोचने की बजाय सिर्फ छोटे-छोटे काम करें. यह छोटे काम आपको कंट्रोल में रखते हैं और दिमाग को ओवरथिंकिंग से बाहर निकालते हैं.

वहीं जब मन बहुत परेशान हो तो किसी बड़े काम के बारे में सोचने की बजाय सिर्फ छोटे-छोटे काम करें. यह छोटे काम आपको कंट्रोल में रखते हैं और दिमाग को ओवरथिंकिंग से बाहर निकालते हैं.

अगर आपके मन में कई बातें चल रही है तो ऐसे में आपको कुछ देर रुक कर गहरी सांस लेनी चाहिए. इसके अलावा ऐसे समय में आपके नाक से धीरे-धीरे सांस अंदर लेकर मुंह से बाहर छोड़नी चाहिए . दरअसल कई बार टेंशन इस बात का भी संकेत होती है कि हमें आराम या ब्रेक की जरूरत है. ऐसे में खुद से शांत होकर बात करने से मन हल्का होता है.

अगर आपके मन में कई बातें चल रही है तो ऐसे में आपको कुछ देर रुक कर गहरी सांस लेनी चाहिए. इसके अलावा ऐसे समय में आपके नाक से धीरे-धीरे सांस अंदर लेकर मुंह से बाहर छोड़नी चाहिए . दरअसल कई बार टेंशन इस बात का भी संकेत होती है कि हमें आराम या ब्रेक की जरूरत है. ऐसे में खुद से शांत होकर बात करने से मन हल्का होता है.

वही टेंशन के समय मन में डरने वाले चीजें आती है, जैसे कुछ बुरा होने वाला है या मैं संभाल नहीं पाऊंगा. ऐसी चीजें आपके दिमाग में भी आती हैं तो पहले आप खुद को यह समझाएं कि क्या यह बात सच है या फिर यह सिर्फ डर है. क्योंकि ज्यादातर समय यह हमारे दिमाग की सिर्फ कल्पना होती है न की हकीकत. ऐसे समय में जब आप अपने आप से सवाल पूछते हैं तो आपकी टेंशन अपने आप काम हो जाती है.

वही टेंशन के समय मन में डरने वाले चीजें आती है, जैसे कुछ बुरा होने वाला है या मैं संभाल नहीं पाऊंगा. ऐसी चीजें आपके दिमाग में भी आती हैं तो पहले आप खुद को यह समझाएं कि क्या यह बात सच है या फिर यह सिर्फ डर है. क्योंकि ज्यादातर समय यह हमारे दिमाग की सिर्फ कल्पना होती है न की हकीकत. ऐसे समय में जब आप अपने आप से सवाल पूछते हैं तो आपकी टेंशन अपने आप काम हो जाती है.

Published at : 02 Nov 2025 10:00 AM (IST)



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