पाकिस्तान के एक प्रमुख मानवाधिकार संगठन ने मंगलवार (30 सितंबर 2025) को कहा कि बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा कम से कम चार बलूच नागरिकों को जबरन गायब कर दिया गया है, क्योंकि प्रांतभर में जबरन गायब करने की बढ़ती लहर के बीच उत्पीड़न का चक्र जारी है.
बलूच राष्ट्रीय आंदोलन के मानवाधिकार विभाग, पांक ने बताया कि 27 सितंबर को पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने केच जिले के गिल्ली बुलेदा के दो निवासियों का अपहरण कर लिया. एक दिहाड़ी मजदूर, मुराद जान को उसके खेत जाते समय जबरन गायब कर दिया गया, जबकि अब्दुल हकीम को उसी इलाके में उसके घर से अगवा कर लिया गया. मानवाधिकार संस्था ने बताया कि दो दिन बाद, 29 सितंबर को, केच जिले की बुलेदा तहसील के गरदंक के एक दुकानदार शेर अली को भी पाकिस्तानी सेना ने जबरन गायब कर दिया.
अर्ज मुहम्मद बुलेदा से गायब
मंगलवार को, सीमा पार व्यापार में लगे एक ड्राइवर और पंजगुर ज़िले के पारूम निवासी निजार अर्ज मुहम्मद को पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने बुलेदा से जबरन गायब कर दिया, और उसका ठिकाना अज्ञात है. पांक ने कहा, “ये लगातार अपहरण बलूचिस्तान में जबरन गायब किए जाने के चल रहे चलन को उजागर करते हैं, जिसमें बिना किसी उचित प्रक्रिया या जवाबदेही के नागरिकों को निशाना बनाया जाता है.”
डेथ स्क्वॉड ने बरसाईं गोलियां
बलूच नागरिकों पर हो रहे अत्याचारों पर प्रकाश डालते हुए, पांक ने कहा कि सोमवार को पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड के सदस्यों ने पंजगुर के झाईन इलाके में गोलीबारी की, जिसमें दो स्थानीय निवासी घायल हो गए. स्थानीय सूत्रों का हवाला देते हुए, मानवाधिकार संस्था ने बताया कि हमलावर ईरान निर्मित टोयोटा कार में आए और अंधाधुंध गोलीबारी की. घायलों की पहचान यूसुफ और उजैर के रूप में हुई है, जिनकी हालत गंभीर बनी हुई है.
अगस्त में 123 अपरण, 26 कत्ल
हाल ही में, बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद (एचआरसीबी) ने बलूचिस्तान में व्यापक मानवाधिकार उल्लंघनों का दस्तावेजीकरण किया है, जिसमें अगस्त महीने में पाकिस्तान समर्थित डेथ स्क्वॉड और सुरक्षा बलों द्वारा किए गए 123 जबरन गायब होने और 26 हत्याएं शामिल हैं.
106 लोग लापता, 12 रिहा
अपनी रिपोर्ट में, एचआरसीबी ने विस्तार से बताया कि अगस्त 2025 में जबरन गायब होने के 123 मामले दर्ज किए गए. इनमें से 106 लोग लापता हैं, 12 को रिहा कर दिया गया और पाँच को हिरासत में रहते हुए न्यायेतर तरीके से मार दिया गया. बलूचिस्तान के लोग वर्तमान में पाकिस्तान से अपनी आजादी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
बलूचिस्तान के विभिन्न मानवाधिकार संगठनों ने बार-बार प्रांत में पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे दमन को उजागर किया है, जिसमें बलूच नेताओं और नागरिकों के घरों पर हिंसक छापे, गैरकानूनी गिरफ्तारियाँ, जबरन गायब करना, ‘मार डालो और फेंक दो’ की नीति, लोक व्यवस्था बनाए रखने संबंधी अध्यादेश के तहत नजरबंदी और मनगढ़ंत पुलिस मामले दर्ज करना शामिल है.