अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इजरायल को चेतावनी दी है कि वेस्ट बैंक के कब्जे वाले इलाकों में एकतरफा कानून लागू करना और कब्जे वाले क्षेत्रों को अपने अधिकार में लेना शांति प्रक्रिया के लिए खतरा है. यह चेतावनी उस समय आई है जब इजरायल की संसद ने वेस्ट बैंक पर अपने कानून को लागू करने का प्रस्ताव पारित किया, जो फिलिस्तीनियों द्वारा प्रस्तावित भविष्य की राज्यभूमि के लिए विवादित कदम माना जा रहा है.
अमेरिका ने चेताया
मार्को रुबियो ने कहा, ‘वेस्ट बैंक के कब्जे के प्रयास शांति समझौते के लिए संभावित खतरा हैं. इजरायल लोकतांत्रिक देश है, वह अपने वोट और स्थिति ले सकते हैं, लेकिन वर्तमान समय में यह कदम प्रतिकूल परिणाम दे सकता है.’ वॉशिंगटन ने बार-बार चेतावनी दी है कि वेस्ट बैंक का कोई भी एकतरफा कब्जा ‘रेड लाइन’ पार करना माना जाएगा. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सितंबर में स्पष्ट कहा था, ‘मैं इजरायल को वेस्ट बैंक पर कब्जा करने की अनुमति नहीं दूंगा. यह नहीं होगा.’
वेस्ट बैंक में कैसी है स्थिति?
इजरायल ने 1967 के छह दिवसीय युद्ध के दौरान जॉर्डन से पश्चिमी तट पर कब्जा कर लिया था और तब से इस क्षेत्र पर सैन्य नियंत्रण बनाए रखा है. हालांकि एक के बाद एक आने वाली सरकारों ने औपचारिक विलय से परहेज किया है, लेकिन उन्होंने सेटलमेंट का विस्तार किया है और जमीन के बड़े हिस्से को ‘राज्य की भूमि’ घोषित कर दिया है, जिससे फिलिस्तीनी स्वामित्व और विकास अवरुद्ध हो गया है.
अक्टूबर 2023 में हमास के हमले के बाद और गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के दौरान इजरायल की दक्षिणपंथी सरकार ने वेस्ट बैंक में सेटलमेंट मंजूरियों को तेज कर दिया. इसी अवधि में इजरायली सेटलमेंट के हमलों में भी तेजी आई. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 से अब तक 1,000 से अधिक फिलिस्तीनी वेस्ट बैंक में इजरायली बलों या बस्तियों द्वारा मारे गए. 2025 की पहली छमाही में ही 757 दर्ज हमले हुए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13% अधिक हैं.
रुबियो ने कहा कि ऐसे कदम नाजुक क्षेत्रीय कूटनीति को खतरे में डाल सकते हैं. उन्होंने दोहराया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका फिलहाल ऐसे कदमों का समर्थन नहीं कर सकता.





