ट्रम्प को 7 देशों के समर्थन के बाद भी क्यों नहीं मिलेगा नोबेल पुरस्कार! इसे पाना कितना मुश्किल?

ट्रम्प को 7 देशों के समर्थन के बाद भी क्यों नहीं मिलेगा नोबेल पुरस्कार! इसे पाना कितना मुश्किल?



सितंबर-अक्टूबर में नोबेल प्राइज की नॉमिनेशन प्रोसेस शुरू हो गई है। इस बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की वजह से नोबेल प्राइज ज्यादा चर्चा में रहा क्योंकि ट्रम्प ने खुदको नोबेल के काबिल बताने का कोई मौका नहीं छोड़ा। यहां तक कि ट्रम्प ने नॉर्वे में खुद फोन करके नोबेल का शांति पुरस्कार मांग लिया।

तो आइए एक्सप्लेनर में समझते हैं कि ट्रम्प खुदको नोबेल का हकदार क्यों मानते, क्या वाकई ट्रम्प को नोबेल मिल पाएगा और नोबेल पुरस्कार मिलने की क्या है प्रोसेस…

सवाल 1- डोनाल्ड ट्रम्प को क्यों लगता है कि वह नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं?
जवाब- 14 अगस्त को नॉर्वे के न्यूजपेपर डेगेन्स नैरिंगलिव के आर्टिकल के मुताबिक, जुलाई 2025 में ट्रम्प ने नॉर्वे के वित्त मंत्री जेन्स स्टोल्टेनबर्ग को फोन करके नोबेल पुरस्कार मांगा था। ट्रम्प को लगता है कि 2025 में उन्होंने 7 बड़े युद्ध रोके हैं, जिस वजह से उन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना चाहिए…

1. भारत-पाकिस्तान संघर्ष: 7 मई को भारत ने पाकिस्तान में ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ चलाकर पहलगाम हमले का बदला लिया और कई आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए। दोनों देशों के बीच 4 दिन संघर्ष चलता रहा। फिर 10 मई को ट्रम्प ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ पर सीजफायर का ऐलान कर दिया और कहा, ‘मैंने दो परमाणु शक्तियों वाले देशों में जंग रुकवा दी।’

2. थाईलैंड-कंबोडिया संघर्ष: 24 जुलाई को दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ, जो सालों पुराने प्रीह विहेर मंदिर और आसपास के विवादित इलाकों की वजह से चला आ रहा था। संघर्ष के 4 दिन बाद ही ट्रम्प ने सीजफायर की घोषणा कर दी। ट्रम्प ने कहा, ‘थाईलैंड और कंबोडिया के बीच दशकों पुराने सीमा युद्ध को मैंने मध्यस्थता से रोका, तत्काल युद्धविराम।’

3. आर्मेनिया-अजरबैजान विवाद: दोनों देशों के बीच नागोर्नो-काराबाख इलाके को लेकर 1988 विवाद चला आ रहा था। 8 अगस्त 2025 को ट्रम्प ने दोनों देशों के राष्ट्रपतियों को व्हाइट हाउस बुलाकर समझौता करा दिया। ट्रम्प ने कहा, ‘आर्मेनिया और अजरबैजान को मैंने व्हाइट हाउस बुलाकर 17-सूत्री शांति संधि पर हस्ताक्षर करवाए।’

4. कोसोवो-सर्बिया विवाद: दोनों देशों के बीच 1998 से जातीय और ऐतिहासिक तनाव चल रहा था, जिसे 27 जून को ट्रम्प ने खत्म करवा दिया। ट्रम्प ने यूरोपीय यूनियन यानि EU के साथ मिलकर युद्धविराम वार्ता शुरू की। ट्रम्प ने कहा, ‘कोसोवो और सर्बिया को बड़े युद्ध की कगार से मैंने रोक दिया। दोनों पक्ष युद्धविराम को तैयार हैं।’

5. इजराइल-ईरान युद्ध: 13 जून को इजराइल ने ईरान पर हवाई हमला करके युद्ध शुरू किया। 12 दिन चले इस युद्ध में इरान की परमाणु लेबोरेट्रीज तबाह हुईं और कई टॉप लीडर्स मारे गए। 24 जून को ट्रम्प ने दोनों देशों के बीच सीजफायर का ऐलान करते हुए कहा, ‘इजराइल-ईरान के 12 दिनों के युद्ध को मैंने रोक दिया। ईरानी साइटों पर हमले रुक गए हैं।’

6. मिस्र-इथोपिया विवाद: दोनों देश लंबे समय से नाइल डैम जल विवाद पर संघर्ष कर रहे थे, जिसे जुलाई 2025 में ट्रम्प ने खत्म करवा दिया। इस डैम पर पानी के बंटवारे को लेकर मिस्र ने सैन्य धमकी दी, लेकिन ट्रम्प ने दोनों को आर्थिक मदद का लालच देकर समझौता करवाया। ट्रम्प ने कहा, ‘यह अनंत जल युद्ध था, लेकिन सुलझ गया। यूनाइटेड नेशन्स यानी UN ने मदद नहीं की।’

7. रवांडा-कांगो संघर्ष: 1994 से कांगो विद्रोही संघर्ष में नरसंहार चला आ रहा था, जिसे ट्रम्प ने 27 जून को रुकवा दिया। ट्रम्प ने कहा, ‘रवांडा और कांगो को मैंने ‘शानदार संधि’ पर हस्ताक्षर करवाए। विद्रोह रुक गया। यह अफ्रीका में लाखों जानें बचाएगा।’

सवाल 2- कितने और कौन से देश ट्रम्प को नोबेल दिलाने का समर्थन करते हैं?
जवाब- मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 7 देश ट्रम्प को नोबेल के लिए नॉमिनेट कर चुके हैं। इनमें पाकिस्तान, इजराइल, अजरबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया, रुवांडा और गैबॉन शामिल हैं। हालांकि, नोबेल कमेटी नॉमिनेशन की जानकारी 50 सालों तक सार्वजनिक नहीं करती।

सवाल 3- आखिर नोबेल क्या है और यह कैसे मिलता है?
जवाब- स्वीडिश साइंटिस्ट अल्फ्रेड नोबेल की वसीयत के आधार पर 27 नवंबर 1895 को नोबेल पुरस्कारों की स्थापना हुई थी। फिजिक्स, मेडिसिन, केमिस्ट्री, लिटरेचर, इकोनॉमिक्स और शांति में नोबेल दिया जाता है। यह पुरस्कार उन्हें ही मिलता है, जिन्होंने ‘मानव जाति के लिए सबसे बड़ा फायदा’ पहुंचाने का काम किया हो। 1901 में पहली बार नोबेल पुरस्कार दिए गए थे और रविन्द्रनाथ टैगोर नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय हैं।

नोबेल शांति पुरस्कार के लिए कोई भी व्यक्ति किसी को नॉमिनेट नहीं कर सकता। इसके लिए कुछ विशेष योग्यताएं होती हैं। इसके लिए वही लोग नॉमिनेट कर सकते हैं, जो नोबेल कमेटी की तरफ से अधिकृत यानी ऑथराइज्ड हों…

  • नोबेल के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, सांसद, इंटरनेशनल कोर्ट के जस्टिस, नोबेल के पूर्व विजेता, यूनिवर्सिटीज के प्रोफेसर, नोबेल कमेटी के मौजूदा और पूर्व सदस्य और कुछ विशेष संस्थानों और संगठनों के प्रमुख नामांकन कर सकते हैं।
  • नोबेल के नामांकन हर साल सितंबर से 31 जनवरी तक चलते हैं।
  • मार्च, अप्रैल और मई में एक्सपर्ट्स से परामर्श किया जाता है।
  • जून और जुलाई में सुझावों के साथ रिपोर्ट तैयार होती है।
  • सितंबर में नोबेल अकादमी को अंतिम उम्मीदवारों के नाम की रिपोर्ट मिलती है।
  • अक्टूबर में वोटिंग के बाद नोबेल पुरस्कार का ऐलान किया जाता है।
  • 10 दिसंबर को अल्फ्रेड नोबेल की पुण्यतिथि के दिन नोबेल दिया जाता है।

सवाल 4- डोनाल्ड ट्रम्प को नोबेल मिलना कितना मुमकिन है?
जवाब- विदेश मामलों के जानकार और JNU के प्रोफेसर डॉ. राजन कुमार कहते हैं,  ‘ट्रम्प नोबेल पुरस्कार के हकदार नहीं हैं और उन्हें नोबेल पुरस्कार नहीं मिलेगा। ट्रम्प को नोबेल का शांति पुरस्कार चाहिए, लेकिन उन्होंने शांति स्थापित करने जैसा कोई बड़ा काम नहीं किया। ईरान-इजराइल युद्ध भी अमेरिका की जानकारी में शुरू हुआ। अमेरिका को खबर थी कि इजराइल, ईरान पर हमला करने वाला है। इसके अलावा ट्रम्प ने चुनावी रैलियों में भी वादा किया था कि वह गाजा युद्ध रुकवा देंगे, जो अभी तक पूरा नहीं हुआ। बल्कि वह गाजा का नक्शा ही बदलने पर तुल गए।’

राजन कुमार ने कहा, ‘ट्रम्प का 7 देशों में सीजफायर का दावा पूरी तरह से सही नहीं है। भारत ने अभी तक नहीं माना कि ट्रम्प ने युद्ध रुकवाया। वो तो सिर्फ पाकिस्तान ही ट्रम्प के गुणगान कर रहा है। शांति का नोबेल अपने आप में बहुत बड़ा पुरस्कार है, जिसके लिए काम भी वैसा ही करना पड़ता है।’

कहीं न कहीं ट्रम्प भी यह बात जानते हैं कि उन्हें नोबेल नहीं मिलने वाला। तभी तो वे कई बार कह चुके हैं कि मैं कितने भी युद्ध रोक लूं, कुछ भी कर लूं, मुझे नोबेल नहीं मिलेगा। ये अवॉर्ड सिर्फ लिबरल को ही मिलता है।

इससे पहले ट्रम्प ने अक्टूबर 2024 में कहा था कि अगर मेरा नाम ओबामा होता तो मुझे 10 सेकेंड में नोबेल मिल जाता। ओबामा को बिना कुछ किए पुरस्कार मिल गया था, लेकिन मैंने भी तो चुनाव जीता है।

शांति का नोबेल पुरस्कार मिलना इतना ज्यादा मुश्किल है कि यह महात्मा गांधी को भी नहीं मिल सका था। 1948 में उन्हें नोबेल मिलने वाला था, लेकिन उनकी हत्या कर दी गई। नोबेल समिति ने यह कहते हुए नोबेल देने से मना कर दिया कि नियमों के तहत मरणोपरांत पुरस्कार नहीं दिया जा सकता, भले ही गांधी सबसे बड़े उम्मीदवार क्यों न हों।

सवाल 5- क्या इससे पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को नोबेल मिल चुका है?
जवाब- अब तक 4 अमेरिकी राष्ट्रपतियों को नोबेल पुरस्कार मिल चुका है…

  • अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति बराक ओबामा को 2008 में अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति और देशों के बीच सहयोग को मजबूत करने के लिए नोबेल मिला था।
  • अमेरिका के 29वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर को 2002 में विश्व शांति, जलवायु परिवर्तन और मानवाधिकार के लिए योगदान पर नोबेल मिला था।
  • अमेरिका के 28वें राष्ट्रपति वुडरो विल्सन को 1919 में राष्ट्र संघ की स्थापना में प्रयासों के लिए नोबेल का शांति पुरस्कर मिला था।
  • अमेरिका के 26वें राष्ट्रपति थियोडोर रूजवेल्ट को 1906 में नोबेल का शांति पुरस्कार मिला था। उन्होंने रूस-जापान युद्ध खत्म करवाया था।



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