तीन दिनों तक ऑल टाइम हाई के बाद सस्ता हुआ सोना, जानें 3 अक्टूबर को अपने शहर का ताजा रेट

तीन दिनों तक ऑल टाइम हाई के बाद सस्ता हुआ सोना, जानें 3 अक्टूबर को अपने शहर का ताजा रेट



Gold Price Today: लगातार तीन सत्र तक ऑल-टाइम हाई छूने के बाद, हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार (3 अक्टूबर 2025) को सोने की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई. एमसीएक्स पर गोल्ड दिसंबर फ्यूचर्स 722 रुपये यानी 0.61% गिरकर 1,16,866 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. वहीं, सिल्वर दिसंबर फ्यूचर्स 2,220 रुपये टूटकर 1,42,500 रुपये प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गया.

अंतरराष्ट्रीय असर और आरबीआई का फैसला

अमेरिका में ब्याज दरों में कटौती के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत लगातार सातवें दिन बढ़ी है. त्योहारी सीजन में भारत में सोना 1,17,000 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा है. बुधवार को आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 5.5% पर ही बनाए रखा. आरबीआई के फैसले से पहले सोना ऑल टाइम हाई 1,17,350 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया था. इंडियन बुलियन पर फिलहाल सोना 1,17,630 रुपये प्रति 10 ग्राम बिक रहा है.

शहरवार सोने-चांदी के भाव

इससे पहले 23 सितंबर को सोना 1,14,360 रुपये प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर पहुंचा था, जबकि 15 सितंबर को यह 1,10,000 रुपये पर बिक रहा था. अमेरिका में शटडाउन शुरू होने के बाद से सोने की कीमतों में तेजी देखी गई.

आज दिल्ली में सोना 1,17,210 रुपये, मुंबई में 1,17,420 रुपये, बेंगलुरु में 1,17,510 रुपये, कोलकाता में 1,17,260 रुपये और चेन्नई में 1,17,760 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा है. वहीं चांदी इंडियन बुलियन एसोसिएशन पर 1,44,650 रुपये प्रति किलो के भाव पर उपलब्ध है.

कैसे तय होता है रेट

सोना और चांदी के दाम रोज़ाना बदलते रहते हैं और इसके पीछे कई आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय और सामाजिक कारक जिम्मेदार होते हैं. इनमें सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं:  अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और चांदी की कीमत अमेरिकी डॉलर में तय होती है. ऐसे में डॉलर-रुपया विनिमय दर में उतार-चढ़ाव का सीधा असर भारत में इन धातुओं की कीमत पर पड़ता है. अगर रुपया कमजोर होता है या डॉलर की कीमत बढ़ती है, तो भारत में सोना और चांदी महंगे हो जाते हैं.

भारत में सोने का बड़ा हिस्सा आयात किया जाता है. ऐसे में सीमा शुल्क (Import Duty), जीएसटी और अन्य स्थानीय टैक्स सोने की कीमत को प्रभावित करते हैं. यदि सरकार इन पर शुल्क बढ़ा देती है, तो घरेलू बाजार में सोने की कीमतें भी बढ़ जाती हैं.

वैश्विक स्तर पर राजनीतिक अस्थिरता, युद्ध, आर्थिक मंदी, ब्याज दरों में बदलाव या अंतरराष्ट्रीय शेयर बाजार की उथल-पुथल का असर सीधे सोने और चांदी पर दिखाई देता है. निवेशक ऐसे समय में सोना सुरक्षित विकल्प मानते हैं, जिससे इसकी मांग और दाम बढ़ जाते हैं. भारत में सोना केवल निवेश का साधन नहीं बल्कि परंपरा और संस्कृति का हिस्सा भी है. शादी-ब्याह, त्योहार और शुभ अवसरों पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. यही कारण है कि इन अवसरों पर मांग बढ़ने से इसकी कीमतों में भी तेजी आती है.



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