तुर्की में 7 मुस्लिम देशों की बंद कमरे में सीक्रेट मीटिंग, पाकिस्तान की मौजूदगी में साजिश?

तुर्की में 7 मुस्लिम देशों की बंद कमरे में सीक्रेट मीटिंग, पाकिस्तान की मौजूदगी में साजिश?



गाजा में चल रहे तनाव और नाजुक युद्धविराम के माहौल के बीच तुर्की में एक अहम बैठक हुई. इस बैठक में कतर, सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन, पाकिस्तान, इंडोनेशिया और तुर्की के विदेश मंत्री शामिल हुए. सभी नेताओं ने गाजा में अंतरराष्ट्रीय शांति बल (International Peace Force) बनाने पर चर्चा की. बैठक इस्तांबुल में हुई, जिसका मकसद गाजा में स्थायी शांति लाने के लिए मुस्लिम देशों के संयुक्त प्रयासों को मजबूत करना था.

बैठक में युद्धविराम की निगरानी, मानवीय सहायता की सुरक्षा और गाजा में अंतरराष्ट्रीय बल की संरचना पर विस्तार से चर्चा की गई. तुर्की के विदेश मंत्री हाकान फिदान ने कहा, “गाजा के लिए प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय बल पर बातचीत जारी है. यह बल अभी पूरी तरह से गठित नहीं हुआ है और इसकी जिम्मेदारियों पर भी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.” उन्होंने बताया कि यह पहल शुरुआती चरण में है, लेकिन सभी देशों ने गाजा में स्थिरता लाने के लिए सहयोग का वादा किया है. कुछ देशों ने गाजा में शांति रक्षक भेजने की भी तैयारी दिखाई है ताकि युद्धविराम के बाद क्षेत्र में हालात सामान्य हो सकें.

कई बार सामने आई हैं युद्धविराम उल्लंघन की खबरें

हालांकि, युद्धविराम 10 अक्टूबर से लागू है, लेकिन इसके कई बार उल्लंघन की खबरें आई हैं. गाजा की स्थिति अब भी बेहद नाजुक है और मानवीय संकट लगातार बढ़ रहा है. मुस्लिम देशों की यह एकजुटता ऐसे समय में आई है जब गाजा को लेकर दुनिया भर में बहस तेज है. कई देश संयुक्त राष्ट्र के जरिये या क्षेत्रीय सहयोग के माध्यम से शांति स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन इस बल के गठन और संचालन को लेकर कई कूटनीतिक चुनौतियां सामने आ सकती हैं. इजरायल पहले ही साफ कर चुका है कि कौन से देश की सेना गाजा में प्रवेश करेगी, यह फैसला वही करेगा.

गाजा में मिले तीन बंधकों के शव

इस बीच, इजरायल ने बताया कि रेड क्रॉस को गाजा में तीन बंधकों के शव मिले हैं, जिन्हें जल्द ही इजरायली सेना को सौंपा जाएगा. हमास ने कहा कि शव दक्षिणी गाजा की एक सुरंग से बरामद हुए. 10 अक्टूबर से लागू युद्धविराम के बाद अब तक 17 बंधकों के शव वापस किए जा चुके हैं, जबकि 11 अभी भी गाजा में हैं. इजरायल ने शवों की पहचान की प्रक्रिया में तेजी लाने की मांग की है और दावा किया कि कुछ शव बंधकों के नहीं हैं.

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