दिनभर रजाई या कंबल में रहने पर भी ठंडे रहते हैं आपके पैर? इस चीज की हो सकती है कमी

दिनभर रजाई या कंबल में रहने पर भी ठंडे रहते हैं आपके पैर? इस चीज की हो सकती है कमी



Cold Feet Problem: सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हर कोई ठंड से बचने के लिए रजाई या कंबल में दुबक जाता है. लेकिन क्या कभी आपने ध्यान दिया है कि कई बार रजाई में रहने के बावजूद भी पैरों में ठंडक बनी रहती है? अगर ऐसा आपके साथ अक्सर होता है, तो इसे सिर्फ सर्दी या मौसम की वजह न समझें. यह शरीर में किसी जरूरी पोषक तत्व की कमी या किसी छिपी हुई बीमारी का संकेत भी हो सकता है.

खून का बहाव कमजोर होना

पैर ठंडे रहने की सबसे आम वजह है शरीर में खून का सही तरीके से न बहना. जब ब्लड फ्लो पैरों तक पूरी तरह नहीं पहुंचता, तो वहां तापमान गिर जाता है और ठंडक महसूस होने लगती है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन  का कहना है कि कमजोर ब्लड सर्कुलेशन से हाथ-पैर सुन्न या ठंडे लग सकते हैं. यह स्थिति उन लोगों में ज़्यादा दिखती है जो लंबे समय तक बैठे रहते हैं या बहुत कम चलते-फिरते हैं. अगर ऐसा है, तो रोज थोड़ी देर टहलना, पैरों की हल्की मालिश करना और एक ही पोजिशन में देर तक न बैठे रहना फायदेमंद रहता है.

आयरन की कमी

अगर आपके पैर हमेशा ठंडे रहते हैं, तो संभव है कि शरीर में आयरन की कमी हो. WHO के अनुसार, आयरन की कमी दुनिया की सबसे आम पोषण संबंधी समस्या है और यही एनीमिया का सबसे बड़ा कारण भी है. WHO की रिपोर्ट बताती है कि दुनियाभर में करीब 1.62 अरब लोग एनीमिया से पीड़ित हैं, जिनमें से लगभग आधे मामलों के पीछे आयरन की कमी होती है. जब शरीर में आयरन कम होता है, तो खून में ऑक्सीजन का प्रवाह घट जाता है, जिससे हाथ और पैर ठंडे महसूस होते हैं. इसे रोकने के लिए पालक, गुड़, चुकंदर, अनार, दालें और हरी सब्जियां ज़रूर खाएं. जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से आयरन सप्लीमेंट भी लिया जा सकता है.

थायरॉइड हार्मोन का असंतुलन

थायरॉइड शरीर के मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है. जब यह हार्मोन पर्याप्त मात्रा में नहीं बनता, तो शरीर की गर्मी कम हो जाती है और ठंड जल्दी लगने लगती है, खासकर हाथ-पैरों में. अमेरिकन थायरॉइड एसोसिएशन के अनुसार, हाइपोथायरॉइडिज्म वाले लोगों में ठंड बर्दाश्त करने की क्षमता कम हो जाती है. अगर इसके साथ वजन बढ़ना, थकान या बाल झड़ना जैसी दिक्कतें हैं, तो थायरॉइड की जांच जरूर करवानी चाहिए.

विटामिन B12 की कमी

विटामिन B12 शरीर की नसों और खून के सेल्स के लिए बहुत जरूरी है. नेशनल इंस्टीट्यूट्स ऑफ हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक, इसकी कमी से नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पैरों में झनझनाहट, सुन्नपन या ठंडक महसूस हो सकती है. इसकी कमी को पूरा करने के लिए दूध, अंडा, मछली और डेयरी उत्पादों का सेवन करें. अगर आप शाकाहारी हैं, तो डॉक्टर की सलाह से B12 के सप्लीमेंट ले सकते हैं.

डायबिटीज और नर्व डैमेज

डायबिटीज यानी शुगर की बीमारी भी ठंडे पैरों का एक कारण हो सकती है. सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, मधुमेह से पीड़ित लगभग 50 प्रतिशत लोगों में नसों को किसी न किसी रूप में नुकसान पहुंचता है. इसे डायबिटिक न्यूरोपैथी कहा जाता है, जो पैरों में ठंडक, झनझनाहट या सुन्नपन का कारण बनता है. अगर आपको डायबिटीज है, तो शुगर कंट्रोल में रखें, मीठा कम खाएं और रोज़ थोड़ी एक्सरसाइज करें.

सर्दी का असर भी हो सकता है कारण

कभी-कभी ठंडे पैर सिर्फ मौसम की वजह से भी होते हैं. हार्वर्ड हेल्थ पब्लिशिंग बताता है कि जब तापमान गिरता है, तो शरीर अपने जरूरी अंगों जैसे दिल और दिमाग – को गर्म रखने पर ज्यादा ध्यान देता है. ऐसे में पैरों और हाथों में खून का बहाव कम हो जाता है, जिससे वे ठंडे पड़ जाते हैं. इससे बचने के लिए ऊनी मोजे पहनें, शरीर को गर्म रखें और जरूरत हो तो गरम पानी की बोतल का इस्तेमाल करें.

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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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