OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन की नजरें अब इंसानी दिमाग पर हैं. उन्होंने Merge Labs नाम के एक स्टार्ट अप को फंड किया है, जो ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) यानी इंसानी दिमाग में चल रहे विचारों को पढ़ने वाला कंप्यूटर डेवलप कर रहा है. यह BCI साउंड वेव्स और मैग्नेटिक फील्ड्स की मदद से इंसान के दिमाग में चल रहे विचारों को पकड़ पाएगा. इसकी एक और खास बात यह है कि इसके लिए किसी भी प्रकार की सर्जरी की जरूरत नहीं पड़ेगी. बता दें कि एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक भी इसी तरह का BCI बना रही है, लेकिन उसे इंप्लांट करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है. ताजा कदम से ऑल्टमैन एक बार फिर मस्क के लिए चुनौती बनकर खड़े हो गए हैं.
कैसे काम करेगा Merge Lab का इंप्लांट
मस्क की कंपनी न्यूरालिंक सर्जरी की मदद से दिमाग में इलेक्ट्रोड्स इंप्लांट करती है, लेकिन Merge Lab दूसरा रास्ता अपनाएगा. ऑल्टमैन का यह स्टार्टअप अल्ट्रासाउंड और जेनेटिक इंजीनियरिंग की मदद से इंसानी दिमाग को मशीन से जोड़ेगा. इस काम के लिए ऑल्टमैन एक टीम तैयार कर रहे हैं. इस टीम में Mikhail Shapiro को भी शामिल किया गया है, जो न्यूरल इमेजिंग और अल्ट्रासाउंड बेस्ड ब्रेन इंटरेक्शन के क्षेत्र के माहिर माने जाते हैं. Shapiro ऐसी अल्ट्रासाउंड वेव्स को यूज कर चर्चा में आए थे, जो इंसानी दिमाग की एक्टिविटीज को बिना किसी सर्जरी के स्टडी और प्रभावित कर सकती थीं.
सर्जरी के जरिए इंप्लांट की आलोचना कर चुके हैं ऑल्टमैन
ऑल्टमैन न्यूरालिंक की तरह सर्जरी कर इंप्लांट करने के तरीके की आलोचना कर चुके हैं. अगस्त में उन्होंने कहा था कि वो अपने दिमाग में कुछ भी इंप्लांट नहीं करेंगे. मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा कि इससे उनके दिमाग के न्यूरॉन डैमेज हो जाएंगे. बताया जा रहा है कि Merge Lab की प्लानिंग केवल इंसानी दिमाग में चल रहे विचारों को पढ़ने की है. वो इनमें किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करना चाहते. इस काम के लिए कंपनी 2,195 करोड़ रुपये जुटा रही है. ऑल्टमैन को इसका को-फाउंडर बनाया जा सकता है.
ये भी पढ़ें-






