इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सोमवार को व्हाइट हाउस से कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी को फोन कर दोहा में इजरायल के हमले के लिए माफी मांगी. यह कॉल उस समय किया गया जब नेतन्याहू अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से वॉशिंगटन में मुलाकात कर रहे थे.
बेंजामिन नेतन्याहू इस साल जनवरी के बाद चौथी बार अमेरिका पहुंचे हैं. व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रंप ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. दोनों नेताओं की यह अहम बैठक उस समय हो रही है, जब अमेरिका गाजा में शांति समझौते के लिए इजरायल पर दबाव बढ़ा रहा है. माफी मांगने की जानकारी न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दी है.
ट्रंप ने जताया शांति का भरोसा
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने बैठक के दौरान कहा कि गाजा शांति योजना पर प्रगति को लेकर उन्हें पूरा भरोसा है. उन्होंने 21 सूत्रीय फ्रेमवर्क पर सभी पक्षों के सहमत होने की संभावना को लेकर बहुत आत्मविश्वासी होने की बात दोहराई. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, ट्रंप ने नेतन्याहू से अपील की कि वह गाजा शांति प्रस्ताव का समर्थन करें. इस प्रस्ताव का मकसद लगभग दो साल से जारी संघर्ष को खत्म करना और हमास के कब्जे में बंद बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना है.
#WATCH | Washington, DC | Israel supporters gather outside the White House demanding the release of hostages from Hamas captivity.
The meeting of US President Donald Trump and Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu is currently underway in the White House. pic.twitter.com/HtWPK3IGEM
— ANI (@ANI) September 29, 2025
इजरायल के समर्थन में लगे नारे, हमास की गैर-मौजूदगी पर सवाल
बैठक के दौरान गाजा सिटी में इजरायली टैंक बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चला रहे थे. वहीं व्हाइट हाउस के बाहर इजरायल समर्थकों ने ‘सील द डील नाउ’ के नारे लगाते हुए बंधकों की रिहाई की मांग की.
नेतन्याहू ने हाल के दिनों में वॉशिंगटन से रिश्ते मजबूत करने की कोशिश की, जबकि कई पश्चिमी देशों ने फिलिस्तीन को राज्य का दर्जा दे दिया है. अरब देशों ने भी इस शांति योजना को लेकर संदेह जताया है और हमास की गैर-मौजूदगी पर सवाल उठाए हैं.