पाकिस्तान के जनरल और ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के चेयरमैन जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने भारत को नए वर्ल्ड ऑर्डर का ताकतवर खिलाड़ी, ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण हिस्सा और महात्वाकांक्षी देश बताते हुए 21वीं सदी में न्यू इंडिया की शक्ति पर टिप्पणी की.
इस्लामाबाद में आयोजित कार्यक्रम ‘Balancing Relationship Between Global North and Global South: Challenges and Opportunities’ को संबोधित करते हुए जनरल ने कहा, “लेडीज एंड जेंटलमैन, संक्षेप में मैं कहना चाहूंगा कि भारत ग्लोबल साउथ का महत्वपूर्ण देश है और वर्ल्ड ऑर्डर में अहम स्थान रखने वाला महात्वाकांक्षी देश है.”
भारत पर लगाए ये आरोप
बयान में जनरल शमशाद मिर्जा ने भारत को “साम्राज्यवादी” और विस्तारवाद की नीति पर चलने वाला देश बताते हुए कहा कि भारत कट्टरवाद को बढ़ावा देता है, संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों की अवहेलना करता है और मानवाधिकारों का उल्लंघन करता है. उन्होंने भारत को ग्लोबल साउथ का संभावित ‘ट्रोजन हॉर्स’ बताया.
तीसरी पार्टी के माध्यम से विवाद सुलझाने का सुझाव
जनरल शमशाद मिर्जा ने यह भी कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच विवादों को हल करने के लिए तीसरे देश या अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की मध्यस्थता जरूरी है. उन्होंने कहा, “हम किसी भी देश, बहुध्रुवीय पैनल या अंतरराष्ट्रीय संस्था द्वारा ऐसी कोशिशों का स्वागत करेंगे.”
भारत की सैन्य शक्ति और राजनीति पर की टिप्पणी
जनरल ने भारत की सेना को राजनीतिक दृष्टिकोण से सैन्यीकृत बताते हुए कहा कि यह मिश्रण क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए कहा कि भारत ने अपने प्रभुत्व के लिए सैन्य शक्ति और पश्चिमी समर्थन का इस्तेमाल किया.
ग्लोबल साउथ और भारत का रोल
ग्लोबल साउथ विकासशील देशों का समूह है, जो एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और ओशिनिया में स्थित हैं. ये देश आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से उभर रहे हैं और अक्सर ऐतिहासिक रूप से उपनिवेशवाद और संसाधन शोषण का सामना कर चुके हैं.
भारत ग्लोबल साउथ का प्रमुख नेता है. यह G-77, नॉन-अलाइन्ड मूवमेंट (NAM) और अन्य मंचों के माध्यम से इन देशों की आवाज़ को मजबूत करता है. 2023 में G20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने ग्लोबल साउथ के मुद्दों को प्राथमिकता दी, विशेष रूप से जलवायु वित्त, तकनीकी सहायता, डिजिटल प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा और वैक्सीन कूटनीति (कोवैक्स) के माध्यम से इन देशों का समर्थन किया.
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