पाकिस्तान की वायु सेना की ताकत कहे जाने वाले खतरनाक JF-17 लड़ाकू विमान अजरबैजान के आसमान में उड़ान भर रही है. जिसके बाद से अफवाहों का बाजार गर्म हो गया है. इस बात को लेकर पाकिस्तानी सेना ने एक बयान जारी किया है. बयान में पाकिस्तानी सेना ने कहा कि द्विपक्षीय हवाई युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए PAK एयरफोर्स के जेएफ-17 ब्लॉक III लड़ाकू विमान अजरबैजान पहुंचे हैं. यह साझा हवाई युद्धाभ्यास पाकिस्तान और अजरबैजान के बीच बढ़ते सैन्य संबंधों को दर्शाता है.
हालांकि, अजरबैजान के आसमान में पाकिस्तानी लड़ाकू विमान देखे जाने के बाद अटकलें लगाई जा रही थी कि अजरबैजान को फाइटर जेट्स का नया बैच मिल गया है. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने इस संबंध में एक बयान जारी कर सच्चाई पर से पर्दा उठा दिया.
जेएफ-17 जेट की ताकत दिखाने में जुटा पाकिस्तान
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने अपने बयान में कहा कि इंडस शील्ड अल्फा अभ्यास में पाकिस्तान की वायुसेना की भागीदारी क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक सैन्य सहयोग के प्रति PAK एयरफोर्स की प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है. पाक सेना ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि उसके जेएफ-17 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान में स्थित अपने एयरबेस के अजरबैजान तक नॉन-स्टॉप फ्लाइंग की है. जिसके जरिए पाकिस्तान चीन के सहयोग के निर्मित जेएफ-17 लड़ाकू विमान की ताकत को प्रदर्शित कर रहा है.
पाकिस्तान-अजरबैजान के बीच क्या है समझौता?
पाकिस्तान और अजरबैजान के आपसी संबंध काफी घनिष्ठ है. इसका सबूत इस बात से दिया जा सकता है कि जब पाकिस्तान मई महीने में भारत के साथ सैन्य संघर्ष में शामिल था, तब पाकिस्तान का समर्थन करने वाले देशों में तुर्किए के साथ-साथ अजरबैजान का भी नाम शामिल था.
वहीं, इन दोनों देशों के बीच 40 जेएफ-17 ब्लॉक III लड़ाकू विमानों को लेकर 4.6 बिलियन डॉलर का सैन्य समझौता हुआ है. अजरबैजान ने आर्मेनिया के साथ अपने तनाव को ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान के साथ लड़ाकू विमानों की डील की है. यह डील पाकिस्तान की एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स के अधीन है, जो इसके लिए अब तक का सबसे बड़ा एक्सपोर्ट ऑर्डर है.





