‘बांग्लादेश में कानून का शासन नहीं, सिर्फ उग्रवाद का बोलबाला’, अवामी लीग के नेता ने की मोहम्मद

‘बांग्लादेश में कानून का शासन नहीं, सिर्फ उग्रवाद का बोलबाला’, अवामी लीग के नेता ने की मोहम्मद



बांग्लादेश के पूर्व मंत्री और अवामी लीग नेता मोहम्मद अली अराफात ने गुरुवार (23 अक्टूबर, 2025 को मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार की आलोचना की है. उन्होंने यूनुस सरकार पर मानवाधिकारों के उल्लंघन करने का आरोप लगाया और कहा कि देश में कानून का शासन ध्वस्त हो गया है.

अराफात ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘15 जुलाई, 2024 से, मोहम्मद यूनुस ने एक सुनियोजित योजना के तहत, उनके तथाकथित छात्र अनुयायियों से युक्त एक उग्रवादी समूह ने बांग्लादेश में पुलिस अधिकारियों, अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं, अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों, पत्रकारों, वकीलों और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं की हत्याएं की हैं.’

उन्होंने कहा कि इन हमलों के दोषियों को आजादी दी गई या क्षतिपूर्ति प्रदान की गई है, जिसका अर्थ है कि हत्यारों या राज्य की संपत्ति को नष्ट करने वालों के खिलाफ कोई कानूनी मामला दर्ज नहीं किया जा सकता है और पीड़ित कभी भी न्याय की मांग नहीं कर पाएंगे.

मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले लोग खुले घूम रहे- अराफात

अवामी लीग के नेता अराफात ने आरोप लगाया कि जिन लोगों ने दिनदहाड़े हथियारों और लाठियों का इस्तेमाल करके हत्याएं कीं, वे सजा से बच गए हैं. उन्होंने कहा, ‘मानवाधिकारों का उल्लंघन करने वाले यूनुस के असंवैधानिक और नाजायज शासन में, बांग्लादेश में कानून का कोई राज नहीं है. सिर्फ चरमपंथियों का राज चलता है.’

उन्होंने दावा किया कि पुलिस और सैन्य कर्मियों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, जो आगजनी और हत्याओं से जान-माल की रक्षा के लिए अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे थे और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा. उनमें से कई को जबरन गायब करने और हत्याओं के मनगढ़ंत आरोपों में गिरफ्तार किया गया है.

बांग्लादेश के ICT ने 15 सैन्य अधिकारियों को लेकर दिया आदेश

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार (22 अक्टूबर, 2025) को बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने अवामी लीग सरकार के दौरान कथित तौर पर जबरन गायब करने, हत्याओं और मानवता के विरुद्ध अन्य अपराधों के तीन अलग-अलग मामलों में 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया. इससे पहले, 11 अक्टूबर को, बांग्लादेश सेना मुख्यालय ने घोषणा की थी कि ICT में तीन मामलों में औपचारिक रूप से आरोप लगाए जाने के बाद 15 अधिकारियों को सैन्य हिरासत में ले लिया गया है.

सैन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी पर शेख हसीना ने की आलोचना

पिछले हफ्ते, पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सैन्य अधिकारियों की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में कानून का कोई राज नहीं है. नौगांव में पार्टी नेताओं के साथ एक वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने सवाल किया, ‘मैं इस बात से हैरान हूं कि सेना से इन अधिकारियों को कानून के हवाले करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है. कानून कहां है? इस देश में कानून का कोई राज नहीं है. यह सरकार नाजायज है और इसके सभी काम गैरकानूनी हैं. इन अधिकारियों को ऐसी सरकार के हवाले क्यों किया जाना चाहिए?’

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