इंग्लैंड के दक्षिणी तट पर स्थित ब्राइटन के पास पीसहेवन में स्थानीय समयानुसार शनिवार (4 अक्टूबर, 2025) की रात एक मस्जिद में आग लगा दी गई. जिस वक्त इस घटना को अंजाम दिया गया, उस वक्त मस्जिद के अंदर दो लोग मौजूद थे.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस घटना को हेट क्राइम के तौर पर देखा जा रहा है. मस्जिद के एक वॉलेंटियर मैनेजर ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर सीएनएन से कहा कि दो लोगों ने बालाक्लावा पहन रखा था, जिन्होंने मस्जिद का दरवाजा तोड़ने की कोशिश की थी. इसके बाद उन्होंने मस्जिद की सीढ़ियों पर पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी. हालांकि, इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ.
मस्जिद के एक वॉलेंटियर ने बीबीसी से कहा, ‘यह हत्या भी हो सकती थी. लेकिन मस्जिद के अंदर मौजूद दोनों लोग किसी तरह सुरक्षित बाहर निकलने में सफल रहे.’
मामले को लेकर ससेक्स पुलिस ने जारी किया बयान
ब्राइटन में घटी इस घटना के बाद ससेक्स पुलिस ने एक बयान जारी किया. पुलिस ने कहा कि घटना में किसी को भी चोट नहीं आई, कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन इमारत के दरवाजे और बाहर खड़ी एक गाड़ी को नुकसान पहुंचा है.
डिटेक्टिव सुप्रिटेडेंट कैरी बोहाना ने इस घटना को लेकर बीबीसी से कहा, ‘हम समझते है कि इस घटना ने समुदाय के लोगों की भीतर गहरी चिंता पैदा कर दी है और मुस्लिम समुदाय पर इसका प्रभाव गंभीर होगा. पुलिस आगजनी और हेट क्राइम दोनों नजरिए से मामले की जांच कर रही है.
मैनचेस्टर में सिनेगॉग पर हमला, दो यहूदियों की मौत
पीसहेवन में मस्जिद में आगजनी की घटना से ठीक पहले ब्रिटेन के मैनचेस्टर में गुरुवार (2 अक्टूबर, 2025) को एक यहूदी पुजा स्थल सिनेगॉग के बाहर हुए हमले में दो यहूदी लोगों की मौत हो गई थी.
मैनचेस्टर पुलिस ने इस घटना के तुरंत बाद मौके पर ही संदिग्ध को मार गिराया. संदिग्ध की पहचान 35 वर्षीय जिहाद अल-शामी के रूप में हुई है. वह सीरियाई मूल का ब्रिटिश नागरिक था.
MASKED MAN BURNS DOWN MOSQUE IN EAST SUSSEX
Police say no one was was harmed but they are treating this as a hate crime
Britain is on the edge! pic.twitter.com/Oamp5FXFk2
— Megh Updates 🚨™ (@MeghUpdates) October 5, 2025
मुस्लिम फोरम के अध्यक्ष ने क्या कहा?
ब्राइटन और होव मुस्लिम फोरम के अध्यक्ष तारिक जंग ने मैनचेस्टर और पीसहेवल में हुई दोनों घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, ‘इन घटनाओं ने सभी को गहरे सदमे और दुख में डाल दिया है. चाहे उपासक यहूदी हो, ईसाई, हिंदू या मुसलमान, किसी भी व्यक्ति को पूजा के स्थान पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है.’
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