बांग्लादेश में जबसे तख्तापलट हुआ है और शेख हसीना की सरकार गिराने के बाद मोहम्मद यूनुस अंतरिम सरकार के मुखिया बने हैं, तब से वो लगातार भारत के खिलाफ जहर उगल रहे हैं. उनकी बयानवाजी की वजह से भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में भी कड़वाहट आ गई है. इस बीच बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमां नई दिल्ली के दौरे पर आ सकते हैं.
बांग्लादेश की वेबसाइट bdnews24.com के मुताबिक, जनरल वकार-उज-जमान इसी महीने भारत दौरे पर आ सकते हैं. खबरों के मुताबिक, वह भारतीय सेना के प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी के साथ मुलाकात कर सकते हैं. वह संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में सैनिक भेजने वाले देशों के लिए आयोजित एक सम्मेलन में भी शामिल होंगे. यह दो दिवसीय सम्मेलन 14 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित होगा. गौरतलब है कि बांग्लादेश के सेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर है.
किन मुद्दों पर सेनाओं के बीच बिगड़ी बात?
बता दें कि बांग्लादेश ने भारत द्वारा सीमा पर बाड़ लगाने का विरोध किया है. इसके अलावा, सीमा पार घुसपैठ के मुद्दे पर भी दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनातनी बनी हुई है. हालांकि जनरल वकर-उज-जमान की भारत यात्रा के बारे में पूछे जाने पर बांग्लादेश सेना की ISPR ने कहा कि अभी तक उसके पास कोई जानकारी नहीं है.
हर विवाद के पीछे भारत का हाथ बताता है बांग्लादेश
पिछले हफ्ते बांग्लादेश के चटगांव पहाड़ी क्षेत्र के खगराछारी जिले में हिंसक झड़पें हुए थीं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में गृहमंत्री जहांगीर आलम चौधरी ने इन घटनाओं का आरोप भारत पर लगाते हुए कहा था कि पड़ोसी हमारे मुल्क में अशांति को बढ़ावा दे रहा है. हालांकि इसका जवाब देते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने इन्हें झूठा और निराधार बताया.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, बांग्लादेश में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में असमर्थ अंतरिम सरकार नियमित रूप से अपना दोष किसी और पर मढ़ने की कोशिश करती रही है. बता दें कि एक लड़की के साथ रेप के बाद खगराछारी जिले में हिंसा भड़की थी. इसी मामले में हुई झड़प के बाद तीन आदिवासी व्यक्तियों की हत्या कर दी गई.
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ीं घटनाएं
बांग्लादेश में हिंदुओं समेत कई अल्पसंख्यक समुदाय पर हिंसा की घटनाएं काफी बढ़ी हैं. मानवाधिकार संगठन राइट्स एंड रिस्क्स एनालिसिस ग्रुप के मुताबिक, अगस्त 2024 से लेकर फरवरी 2025 के बीच करीब 1250 ऐसी घटनाएं हुईं, जिनमें हिंदुओं को निशाना बनाया गया. यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र ने भी माना है कि शेख हसीना की सरकार के बाद बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं.