इजरायल और हमास के बीच गाजा में हुए सीजफायर के लिए भारत ने डोनाल्ड ट्रंप को क्रेडिट दिया है. यूनाइटेड नेशंस (UN) में भारतीय दूत ने ट्रंप के गाजा युद्धविराम समझौते को ऐतिहासिक पहल बताया है. इस दौरान इस बात पर जोर दिया गया कि इस समझौते को कायम रखने के लिए बातचीत जारी रहनी चाहिए.
संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत पर्वतनेनी हरीश ने कहा कि आज की खुली बहस 13 अक्टूबर 2025 को शर्म अल-शेख में होने वाले गाजा शांति शिखर सम्मेलन के बैकग्राउंड में हो रही है. भारत ने इस शिखर सम्मेलन में भाग लिया और हम इस ऐतिहासिक शांति समझौते का स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीनी मोर्चे पर शांति और स्थिरता का बड़े क्षेत्र पर प्रभाव पड़ता है. भारत पूरे मिडिल ईस्ट में स्थायी शांति के पक्ष में है. यह जरूरी है कि समझौता कायम रहे, युद्धविराम लागू रहे.
भारत ने की ट्रंप की तारीफ
भारतीय दूत पर्वतनेनी हरीश ने इस समझौते में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना की. उन्होंने कहा कि भारत इस लक्ष्य को हासिल करने में मिस्र और कतर की भूमिका की भी सराहना करता है. भारत अपने इस विचार पर अडिग है कि संवाद, कूटनीति और दो राज्य समाधान ही शांति प्राप्त करने के साधन हैं. अमेरिका की इस ऐतिहासिक पहल ने शांति की दिशा में कूटनीतिक गति प्रदान की है और सभी पक्षों को अपने दायित्वों का पालन करना चाहिए.
#WATCH | Permanent Representative of India to the UN, Parvathaneni Harish’s complete address at the UNSC Open Debate on Situation in the Middle East, including the Palestinian Question
(Source: India at UN, NY/X) pic.twitter.com/6tALQ0MSJ5
— ANI (@ANI) October 23, 2025
भारत ने आतंकवाद की निंदा की
इजरायल पर हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के बाद से हुए घटनाक्रमों पर भारत के रुख पर कायम रहने की ओर इशारा करते हुए भारतीय दूत ने कहा कि भारत ने आतंकवाद की निंदा की है. नागरिकों के विनाश, निराशा और पीड़ा का अंत करने पर जोर दिया है और सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की है. साथ ही ये भी माना है कि गाजा में मानवीय सहायता निर्बाध रूप से जारी रहनी चाहिए.
भारत ने फिलीस्तीन को क्या-क्या दिया
फिलीस्तीन के मुद्दे पर लंबे समय से चले आ रहे भारत के रुख को भी दोहराया. उन्होंने कहा कि भारत ने 1988 में फिलीस्तीन को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी और तब से लेकर आज तक उसका समर्थन जारी रखा है. भारत ने अब तक फिलिस्तीनी जनता को 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की सहायता दी है, जिसमें 40 मिलियन डॉलर से ज्यादा की परियोजनाएं विभिन्न चरणों में चल रही हैं.
इसके अलावा, पिछले 2 साल में भारत ने 135 मीट्रिक टन दवाएं और राहत सामग्री गाजा भेजी हैं. हरीश ने कहा कि फिलीस्तीनी जनता का पुनर्वास तभी संभव है, जब अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट होकर उनकी मदद करे.
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