भारत में 75 प्रतिशत स्टार्ट-अप का सपना देख रहे युवा, सही दिशा न मिलना बन रही बड़ी चुनौती

भारत में 75 प्रतिशत स्टार्ट-अप का सपना देख रहे युवा, सही दिशा न मिलना बन रही बड़ी चुनौती



भारत के युवाओं में अब स्टार्ट-अप का जोश और उत्साह तेजी से बढ़ रहा है. हाल के एक अध्ययन के अनुसार, लगभग चार में से तीन यूनिवर्सिटी छात्र अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने का सपना देखते हैं. यह दिखाता है कि देश की अगली पीढ़ी सिर्फ नौकरी पाने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अपने खुद के व्यवसाय और नए आइडिया के माध्यम से समाज और अर्थव्यवस्था में बदलाव लाने के लिए तैयार है. हालांकि इस उत्साह के बीच कई युवा एंटरप्रेन्योर को सही डायरेक्शन, वित्तीय संस्थानों और कानूनी सहायता की कमी जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ये बाधाएं न सिर्फ उनकी  कोशिशों को धीमा कर सकती हैं, बल्कि कभी-कभी उनके सपनों को पूरा होने से भी रोक सकती हैं. 

रिसर्च में सामने क्या आया

युवा उद्यमिता और स्टार्ट-अप गवर्नेंस अगली पीढ़ी के नेताओं को स्थिरता और सफलता की ओर मार्गदर्शन शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के लिए भारतीय यूनिवर्सिटी 1,000 छात्रों के साथ-साथ 200 उद्योग विशेषज्ञों, निवेशकों, संस्थापकों और सीएक्सओ का भी सर्वे किया गया. अध्ययन का उद्देश्य युवा एंटरप्रेन्योर की मानसिकता, उनकी महत्वाकांक्षाएं, और उनके सामने आने वाली चुनौतियों को समझना था. 

अध्ययन के अनुसार, आज के युवा सिर्फ बड़े व्यवसाय बनाने या तेजी से पैसा कमाने के पीछे नहीं भाग रहे हैं. वे ऐसे व्यवसाय की कल्पना कर रहे हैं जो नवाचार, पारदर्शिता और ईमानदारी का मेल हो. युवा न सिर्फ अपने बिजनेस को बढ़ाना चाहते हैं, बल्कि समाज पर सकारात्मक प्रभाव भी डालना चाहते हैं. 

क्या है बड़ी चुनौतियां 

अध्ययन में यह भी सामने आया कि मार्गदर्शन और वित्तीय सहायता की कमी सबसे बड़ी बाधाएं  हैं. 

1. 35 प्रतिशत छात्रों ने कहा कि सही मार्गदर्शन की कमी उनके व्यवसाय शुरू करने में सबसे बड़ी रुकावट है. 

2. 24 प्रतिशत ने कानूनी और वित्तीय मामलों में मार्गदर्शन की कमी को चुनौती बताया. 

3. 22 प्रतिशत ने कहा कि पर्याप्त फंडिंग न होना उनकी सबसे बड़ी समस्या है. 

4. 13 प्रतिशत ने असफलता का डर बताया, और 7 प्रतिशत ने शैक्षणिक काम और स्टार्ट-अप प्रयासों के बीच संतुलन बनाने में कठिनाई को चुनौती बताया. 
 

यूनिवर्सिटी सर्वे का रोल  

रिपोर्ट में यह भी आया कि निवेशकों का भरोसा ऐसे व्यवसायों में ज्यादा होता है, जो पारदर्शिता और नैतिक प्रथाओं का पालन करते हैं. साथ ही, सामाजिक प्रभाव और संस्थापकों की विश्वसनीयता भी निवेशकों के विश्वास को प्रभावित करते हैं. अध्ययन ने यूनिवर्सिटी की भूमिका को भी रेखांकित किया, जो युवा एंटरप्रेन्योर के पोषण में महत्वपूर्ण हैं. लगभग आधे छात्रों ने कहा कि उनके यूनिवर्सिटी ने बिजनेस के विकास में अहम योगदान दिया 89 प्रतिशत छात्रों ने  नैतिकता और वित्तीय शामिल करने का समर्थन किया. लेकिन सिर्फ 9.6 प्रतिशत छात्रों ने मौजूदा इनक्यूबेशन प्रोग्राम को ज्यादा प्रभावी बताया. 

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