चचेरे भाई-बहनों की शादी को फायदेमंद बताने वाली गाइडलाइन को बड़ा विवाद खड़ा होने के बाद ब्रिटेन की नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) ने अपनी वेबसाइट से हटा लिया है. एनएचएस ने एक ब्लॉग पोस्ट में कजिन के बीच शादी को फायदेमंद बताया था, जबकि शोध में पता चला कि इससे आनुवांशिक रोग, जन्मदोष और सीखने की अक्षमताओं का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है. हालांकि, अब इस विवादित गाइडलाइन को वेबसाइट से चुपके से हटा लिया गया है.
22 सितंबर को एनएचएस इंग्लैंड के जीनोमिक्स एजुकेशन प्रोग्राम ने एक ब्लॉग पोस्ट जारी किया था, जिसका शीर्षक था ‘क्या यूके सरकार को पहले चचेरे भाई-बहनों के विवाह पर प्रतिबंध लगाना चाहिए?’. इस पोस्ट में दावा किया गया था कि रिश्तेदारों के बीच शादी से मजबूत पारिवारिक सहयोग और आर्थिक लाभ प्राप्त होते हैं. हालांकि, ब्लॉग में इस बात को भी स्वीकार किया गया था कि इससे आनुवांशिक बीमारियों का खतरा बढ़ता है, लेकिन सुझाव दिया गया था कि शिक्षा और वैकल्पिक जेनेटिक टेस्टिंग से इसे संभाला जा सकता है.
ब्लॉग पोस्ट को लेकर बाद में काफी विवाद खड़ा हो गया. आलोचकों ने एनएचएस पर आरोप लगाया कि वैज्ञानिक प्रमाणों की उपेक्षा की गई और सांस्कृतिक मुद्दों में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया गया. विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी थी कि ऐसा कदम आनुवांशिक बीमारियों की रोकथाम के बजाय जोखिम को काफी बढ़ा सकता है. ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यह गाइडलाइन सरकारी समर्थन से आयोजित किए गए कार्यक्रम के तहत प्रकाशित हुआ था, जिससे इसकी गंभीरता और बढ़ गई.
कंजर्वेटिव सांसद रिचर्ड होल्डन ने इस दस्तावेज की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि एनएचएस को हानिकारिक सांस्कृतिक परंपराओं के आगे झुकना बंद कर देना चाहिए क्योंकि यह प्रथा महिलाओं के अधिकारों पर नकारात्मक असर डालती है और इसे स्थायी रूप से समाप्त कर देना चाहिए. वहीं, एक सांसद मोहम्मद रिवाज ने इसका सपोर्ट किया है और कहा कि कई परिवारों के लिए यह सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि चचेरे भाई-बहनों की शादी पारिवारिक रिश्तों को सशक्त बनाती है और आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है.