मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच दो दिवसीय वार्ता संपन्न हुई. अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने रविवार को मीडिया को बताया कि दोनों पक्षों की मुलाकात राष्ट्रपति ट्रंप और शी जिनपिंग की मीटिंग की नींव रखेगी. यूएस वित्त मंत्री ने बताया कि बातचीत में कृषि खरीद, टिकटॉक, ट्रेड, रेयर अर्थ मिनरल्स और द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई.
अमेरिका-चीन के बीच यह वार्ता केवल व्यापारिक नहीं बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. उप-प्रधानमंत्री हे लिफेंग के नेतृत्व में आए चीनी प्रतिनिधिमंडल में व्यापार प्रतिनिधि ली चेंगगांग और उप-वित्त मंत्री लियाओ मिन शामिल थे. वहीं, अमेरिकी पक्ष का नेतृत्व वित्त मंत्री बेसेन्ट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने किया. सूत्रों के अनुसार, बैठक का बड़ा हिस्सा फ़ेंटेनाइल तस्करी और टिकटॉक डेटा सुरक्षा जैसे मुद्दों पर केंद्रित रहा. अमेरिका लंबे समय से चीन पर आरोप लगाता रहा है कि चीनी टेक कंपनियां उसके नागरिकों के डेटा पर निगरानी रखती हैं. हालांकि इस बार बातचीत पहले से कहीं अधिक सकारात्मक बताई जा रही है. दोनों देशों ने एक साझा बयान में कहा है कि बातचीत ही मतभेदों को सुलझाने का सबसे सही तरीका है.
ट्रंप का एशिया दौरा और रणनीतिक संदेश
यह बातचीत ऐसे समय में हुई जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने दूसरे कार्यकाल में एशिया के पहले बड़े दौरे पर निकले हैं. मलेशिया पहुंचने पर प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने उनका स्वागत किया. ट्रंप ने वहां थाईलैंड और कंबोडिया के बीच शांति समझौते के साक्षी बनकर क्षेत्रीय स्थिरता का संदेश दिया. ट्रंप मलेशिया के बाद जापान और दक्षिण कोरिया की यात्रा पर जाएंगे. वहीं, एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) शिखर सम्मेलन के दौरान उनकी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात तय है. यह मुलाकात जनवरी में ट्रंप के व्हाइट हाउस लौटने के बाद दोनों नेताओं की पहली आमने-सामने बैठक होगी.
ट्रंप ने पत्रकारों को क्या बताया?
एयर फोर्स वन में सवार पत्रकारों से बातचीत में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि शी जिनपिंग के साथ बातचीत से एक पूर्ण और व्यावहारिक समझौता हो जाएगा. उन्होंने कहा, ‘हम टैरिफ, निर्यात, कृषि खरीद, ताइवान नीति और यूक्रेन जैसे मुद्दों पर सीधा संवाद करेंगे. यही मतभेद दूर करने का सबसे प्रभावी रास्ता है.’
ट्रंप का यह बयान ऐसे समय आया है, जब दोनों देशों के बीच व्यापारिक तनाव, ताइवान को लेकर मतभेद और तकनीकी प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ती जा रही है. अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप इस बैठक में टिकटॉक पर अमेरिकी चिंताओं और फेंटेनाइल की अवैध तस्करी पर सख्त रुख अपनाने की योजना बना रहे हैं.
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