इंटरस्टेलर धूमकेतु ATLAS मंगल ग्रह के ऊपर से शुक्रवार (03 अक्टूबर, 2025) को गुजरने वाला है. इस दुर्लभ धूमकेतु ने दुनिया भर की स्पेश एजेंसियों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है. यह तीसरा इंटरस्टेलर पिंड है, जो मंगल ग्रह के सबसे नजदीक से गुजरेगा. यह दूरी लगभग 3 करोड़ किलोमीटर (1.86 करोड़ मील) होगी.
मंगल ग्रह के पास से गुजरने के दृश्य को कैद करने के लिए कई विमान कैमरे के साथ मंगल ग्रह की परिक्रमा कर रहे हैं. नासा का साइकी अंतरिक्ष यान, जो क्षुद्रग्रह 16 साइकी की ओर जा रहा है, भी इसके तुरंत बाद 3I/ATLAS की एक झलक देखेगा.
मंगल ग्रह के बाद ‘बृहस्पति’ के पास पहुंचेगा 3I/ATLAS
मंगल ग्रह के पास से गुजरने के बाद यह धूमकेतु ‘बृहस्पति’ के पास पहुंचेगा. ईएसए का जुपिटर आइसी मून्स एक्सप्लोरर (JUICE) 2 से 25 नवंबर के बीच 3I/ATLAS पर नजर रखेगा. इस दौरान, धूमकेतु सूर्य के सबसे निकटतम बिंदु, पेरिहेलियन पर पहुंच जाएगा. इस चरण में सौर तापन धूमकेतु को सबसे अधिक सक्रिय और चमकीला बनाता है.
अंतरिक्ष एजेंसियां इस दुर्लभ खगोलीय घटना को रिकॉर्ड करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस और एक्सोमार्स ट्रेस गैस ऑर्बिटर, जब यह धूमकेतु मंगल ग्रह के पास से गुजरेगा, तब उसका अवलोकन करेंगे. वहीं, नासा का मार्स रिकॉनिसेंस ऑर्बिटर, जिसमें हाईराइज कैमरा लगा है, भी इस धूमकेतु की हाई क्वालिटी वाली तस्वीरें लेने की कोशिश करेगा.
इतनी गति से यात्रा कर रहा 3I/ATLAS
वैज्ञानिकों के अनुसार, 3I/ATLAS लगभग 130,000 मील प्रति घंटे (219,000 किमी/घंटा) की गति से यात्रा कर रहा है. इसका केंद्रक 1 किलोमीटर से भी कम व्यास का होने का अनुमान है. वैज्ञानिकों ने ये भी पता लगाया है कि धूमकेतु के पिछले हिस्से में कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और जल-बर्फ जैसी गैसे हैं.
चूंकि धूमकेतु 3I/ATLAS उपसौर (सूर्य के सबसे पास) के समय पृथ्वी से देखने पर सूर्य के बहुत करीब होगा, इसलिए धरती से इसे सुरक्षित तरीके से देखना मुश्किल होगा. ऐसे में मंगल और बृहस्पति के पास मौजूद अंतरिक्ष यान इस धूमकेतु की बनावट और उसकी संरचना को करीब से और अच्छे से देखने का सबसे बढ़िया मौका देंगे.
3I/ATLAS की बनावट सामान्य धूमकेतु से अलग
हार्वर्ड के खगोलशास्त्री एवी लोएब ने इस धूमकेतु की कुछ असामान्य विशेषताओं के कारण इसके कृत्रिम होने की संभावना जताई है. हालांकि, अधिकतर वैज्ञानिक इस बात से सहमत हैं कि 3I/ATLAS एक प्राकृतिक रूप से बना अंतरतारकीय धूमकेतु है. अब तक मिले निष्कर्षों से यह संकेत मिलता है कि इस धूमकेतु की बनावट हमारे सौर मंडल के सामान्य धूमकेतु से अलग और अधिक जटिल हो सकती है.
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