पाकिस्तान और तालिबान के बीच भले ही सीजफायर हो गया है, लेकिन उनके रिश्ते बेहद खराब हो चुके हैं. दोनों ने ही सीजफायर के बाद भी एक-दूसरे के खिलाफ बेहद तल्ख बयान दिए हैं. इस बीच तालिबान ने भारत के साथ रिश्तों को बेहतर करने की तरफ कदम बढ़ा दिया है, जिससे पाकिस्तान बौखलाया हुआ है. पाकिस्तान ने भारत पर ये आरोप लगाने शुरू कर दिए हैं कि तालिबान जो कुछ कर रहा है, उसके पीछे भारत है. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने भी जब ऐसे दावे किए तो इंडियन आर्मी के रिटायर्ड मेजर जनरल राजन कोचर ने उन्हें मुंह तोड़ जवाब दिया.
मेजर जनरल राजन कोचर ने कहा कि पाकिस्तान अपनी सहूलियत के हिसाब से बातें करता है. जब तालिबान की सरकार आई थी तो पाकिस्तान के आईएसआई चीफ अफगानिस्तान पहुंच गए थे और तालिबान के साथ मिलकर भारत के खिलाफ कार्रवाई करने की बातें कर रहे थे. पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा ने मेजर जनरल से सवाल किया था कि भारत क्यों तालिबान के इतना करीब है क्योंकि उसके बारे में यूएन सिक्योरिटी काउंसिल की रिपोर्ट ये कहती है कि ये अलकायदा और इस्लामिक स्टेट को सपोर्ट करता है. तो आप ऐसे मुल्क को कैसे स्पेस दे रहे हैं, जो इतने सारे टेरेरिस्ट ग्रुप्स को सपोर्ट करता है क्योंकि आप तो टेरेरिज्म के खिलाफ हैं.
पाक एक्सपर्ट के दावों पर मेजर का करारा जवाब
कमर चीमा के इस सवाल पर मेजर जनरल ने पहले उन्हें इतिहास की बातें याद दिलाईं कि कैसे पाकिस्तान ने रूस के खिलाफ मुजाहिदीन को खड़ा किया और फिर वे तालिबानी बन गए. पूरा टाइम पाकिस्तान ने तालिबान को अपने साथ रखा. पाकिस्तान के तालिबान के साथ रिश्ते इतने मजबूत थे. मेजर जनरल राजन कोचर ने कहा, ‘जब तालिबान 1.0 था तो पाकिस्तान उसको कंट्रोल करता था. जब तालिबान 2.0 आया और अफगान में उनकी सरकार बन रही थी तो आपके आईएसआई चीफ वहां गए. उन्होंने एक फाइव स्टार होटल में बयान दिया कि अब पाकिस्तान को स्ट्रेटेजिक डेप्थ मिल गया है और पाकिस्तान के लिए बहुत अच्छा मौका है, भारत के साथ कॉन्फलिक्ट करने के लिए क्योंकि अफगानिस्तान अभी हमारा हमसाया है.’
उन्होंने कहा, ‘फॉरेन पॉलिसी में अचानक से भारत ने अपना रुख क्यों बदला है. ये समझना बहुत जरूरी है. जब आप जियो पॉलिटिक्स में बोलते हैं कि गुड एंड बैड तालिबान, ये बात पाकिस्तान से ही निकली थी. तो वहां पर एक स्थिति जो बन रही है और पाकिस्तान के रिश्ते अफगानिस्तान से खराब हो चुके हैं और तालिबान भारत की सपोर्ट में आ गया है, लेकिन भारत के कोई भी मिलिट्री इंटेंट नहीं हैं अफगानिस्तान में. अगर आपको लगता है कि भारत अफगानिस्तान से दोस्ती आपको मिलिट्री थ्रेट देने के लिए कर रहा है तो वो बात सही नहीं है. भारत का वहां बहुत सारा इनवेस्टमेंट है, जो रुका हुआ था.‘
मेजर ने बताया- क्यों तालिबान रिश्ते सुधार रहा भारत
मेजर जनरल ने कहा, ‘हम तालिबान के पास नहीं गए उनकी तरफ से ही अनुरोध किया गया कि हम भारत के साथ अपने ताल्लुकात बेहतर करना चाहते हैं, वो अफगानिस्तान में डेवलपमेंट करना चाहते हैं और वहां के लोगों को अच्छा लिविंग स्टैंडर्ड देना चाहते हैं. अफगानिस्तान में भारत के पहले से 400 प्रोजेक्ट्स चल रहे हैं, जो तालिबान के आने से रुक गए थे. 13 बिलियन डॉलर की इनवेस्टमेंट है. तालिबान की तो जब रिक्वेस्ट आई तो हमने उसको स्वीकार कर लिया.‘
उन्होंने कहा कि तालिबान एक आतंकी संगठन है. वो एक इतिहास है और हम भी मानते हैं, लेकिन अब तालिबान एक देश चला रहा है. सीरिया में क्या हो रहा है, अमेरिका क्यों उसके साथ हाथ मिला रहा है. ये जानते हुए कि वहां एक टाइम पर टेरेरिस्ट ऑर्गेनाइजेशन थे. बदलाव आता है देशों में और जिस दिन आपके तालिबान से रिश्ते अच्छे होंगे क्योंकि सीजफायर का एक एग्रीमेंट हुआ है. मेजर जनरल राजन कोचर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि तालिबान को मौका देना चाहिए वो अफगानिस्तान में अपनी गवर्नेंस बेहतर करना चाहता है और भारत उसकी मदद कर रहा है. ‘
चीन भी तालिबान के साथ रिश्ते कर रहा बेहतर
उन्होंने पाक एक्सपर्ट से सवाल किया कि पाकिस्तान भारत पर सवाल उठा रहा है, लेकिन चीन भी वहां हैं और वो तो आपका दोस्त है तो आप उसको क्यों हिदायत नहीं देते. चीन वहां जाकर सीपेक को और बढ़ाना चाहता हैं. मेजर ने कहा कि चीन की मेटलर्जी कंपनी अफगानिस्तान में हैं. दो साल पहले ही चीन ने माइनिंग और अन्य चीजें वहां शुरू कर दी हैं तो आप चीन को क्यों नहीं रोक रहे. अभी देखेंगे कि और भी कई देश हैं जो तालिबान के साथ अपने रिश्ते बेहतर करेंगे और कई कर भी रहे हैं.
मेजर जनरल राजन कोचर ने कहा कि भारत चाहेगा कि अफगानिस्तान में स्टेबिलिटी हो, अगर तालिबान पाकिस्तान से लड़ता रहेगा तो भारत कैसे वहां अपने प्रोजेक्ट्स चलाएगा. चीन ने भी आपको सलाह दी है कि तालिबान के साथ लड़ाई मत करना, उनके साथ समझौता करना क्योंकि चीन के भी स्टेक्स काफी हाई हैं. उन्होंने पाक एक्सपर्ट से कहा कि आप जानते हैं कि 92 किलोमीटर का वखान कॉरिडोर चीन से मिलता है, उनके उस एरिया में जो मुस्लिम्स हैं और चीन का सिक्योरिटी कंसर्न भी है कि वहां पर रेडिक्लाइजेशन न हो, मिलिटेंसी न हो या टेरेरिज्म उस एरिया में न हो इसलिए चीन भी तालिबान से अच्छे रिश्ते रखना चाहता है.





