बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है. इस नोटिस के मिलने के बाद पप्पू यादव ने इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया और कहा कि बाढ़ पीड़ितों की मदद करना उनका कर्तव्य है.
पप्पू यादव ने एक्स पर लिखा , “मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में पैसे बांटने को अपराध बताया गया है. अगर यह अपराध है तो मैं हर वंचित और पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा.” उन्होंने आगे कहा कि वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों के घर गंगाजी में बह गए थे. पप्पू यादव ने सवाल उठाया कि अगर उन्होंने उनकी मदद नहीं की, तो क्या वे गृह राज्य मंत्री, स्थानीय सांसद या स्वघोषित मुख्यमंत्री उम्मीदवारों की तरह मूकदर्शक बने रहते?
मुझे इनकम टैक्स का नोटिस मिला है, बाढ़ पीड़ितों की मदद में रु बांटने को अपराध बताया है। यह अपराध है तो मैं हर वंचित पीड़ित की सहायता का अपराध सदैव करता रहूंगा!
वैशाली जिले के नयागांव पूर्वी पंचायत अंतर्गत मनियारी गांव के बाढ़ पीड़ितों जिनका घर-द्वार सब गंगाजी में विलीन हो गया,… pic.twitter.com/Om0mN2WBTT
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) October 25, 2025
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अक्टूबर की शुरुआत में चुनाव आयोग ने पप्पू यादव के खिलाफ संज्ञान लिया था. मामला वैशाली जिले के गणियारी गांव का है, जहां नदी के किनारे लगातार कटाव के कारण कई परिवार बेघर हो गए थे. सांसद पप्पू यादव मौके पर पहुंचे, बाढ़ पीड़ितों की समस्याएं सुनीं और उन्हें आर्थिक सहायता प्रदान की.
80 प्रभावित परिवारों को दी थी मदद
इस दौरान उन्होंने लगभग 80 प्रभावित परिवारों को करीब 5 लाख रुपये नकद मदद के तौर पर वितरित किए थे. इस कार्रवाई के बाद चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया. चुनाव आयोग के सख्त नियमों के अनुसार, आचार संहिता लागू रहने पर कोई भी राजनेता या जनप्रतिनिधि सार्वजनिक रूप से नकद, उपहार या आर्थिक सहायता नहीं दे सकता. ऐसा करना मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास माना जाता है.
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