PAK में और पावरफुल होंगे मुनीर! संविधान बदलने जा रहे शहबाज; बिलावल की पार्टी का क्या रुख?

PAK में और पावरफुल होंगे मुनीर! संविधान बदलने जा रहे शहबाज; बिलावल की पार्टी का क्या रुख?



ऑपरेशन सिंदूर में भारत के हाथों पिटने के बाद भी पाकिस्तान ने अपने आर्मी चीफ आसिम मुनीर का प्रमोशन कर फील्ड मार्शल बना दिया. बीते कुछ महीनों में फील्ड मार्शल आसिम मुनीर पाकिस्तान के सबसे प्रभावशाली शख्स बन चुके हैं. अब पाकिस्तान सरकार संविधान में संशोधन करने जा रही है, जिसके तहत मुनीर को और पावर दिया जाएगा.

संविधान संशोधन पर बिलावल की पार्टी का क्या रुख?

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बीते कुछ दिनों से अलग-अलग मंचों से आसिम मनीर की तारीफ करने में जोर शोर से जुटे हुए हैं. सबसे जरूरी बात ये है कि पाकिस्तान में जो 27वां संविधान संशोधन होने वाला है उसकी जानकारी शहबाज शरीफ ने नहीं, बल्कि बिलावल भुट्टो ने एक्स पर पोस्ट कर दी. उन्होंने खुलासा किया कि शहबाज शरीफ ने संविधान संशोधन पर समर्थन के लिए उनकी पार्टी से संपर्क किया है.

बढ़ाई जाएगी आसिम मुनीर की पावर

पाकिस्तान सरकार की ओर से किए जाने वाले इस संशोधन में संवैधानिक अदालतों और जजों के ट्रांसफर से संबंधित प्रावधान के अलावा अनुच्छेद 243 में बदलावों का उल्लेख है. अनुच्छेद 243 पाकिस्तानी सशस्त्र बलों की कमान और नियंत्रण से संबंधित है. हालांकि शहबाज शरीफ ने इस निर्णय को लेकर गोपनीयता बनाए रखी है, लेकिन अनुच्छेद 243 को संशोधित करने के प्रस्ताव को आसिम मुनीर की स्थिति और शक्ति को बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है.

इसी महीने रिटायर होने वाले हैं आसिम मुनीर

फील्ड मार्शल के पद को फिलहाल पाकिस्तान के संविधान में कोई कानूनी दर्जा नहीं मिला है. आधिकारिक तौर पर मुनीर 28 नवंबर 2025 को रिटायर होने वाले हैं. संविधान में संशोधन के बाद मुनीर की सेवा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है. पाकिस्तान के कानून राज्य मंत्री अकील मलिक ने जियो न्यूज को बताया कि 1973 के संविधान लागू होने के बाद यह पहली बार है कि किसी अधिकारी को फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है. उन्होंने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में इस पर विचार किए जाने की जरूरत है.

पूर्व पाकिस्तानी सांसद ने उठाए सवाल

पूर्व पाकिस्तानी सांसद मुस्तफा नवाज खोखर ने कहा कि 27वें संशोधन का उद्देश्य अनुच्छेद 243 में बदलाव करना है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर कहा, ’27वें संशोधन का मुख्य उद्देश्य अनुच्छेद 243 में बदलाव करना है, जो सशस्त्र बलों के नियंत्रण और कमान के साथ-साथ सेवा प्रमुखों की नियुक्ति से संबंधित है. बाकी सब कुछ सिर्फ हवाबाजी है.’

पूर्व अमेरिकी राजदूत खलीलजाद ने भी पाकिस्तान सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, ‘संविधान के अनुच्छेद 243 में संशोधन करके सशस्त्र बलों पर नागरिक अधिकार देने के बारे में सोचा जा रहा है. क्या इसमें सेना प्रमुख को कमांडर-इन-चीफ बनाने का प्रस्ताव है? क्या इससे सशस्त्र बलों पर नागरिक नियंत्रण समाप्त हो जाएगा? कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं.’



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