पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में शहबाज सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जोरों पर है. मुजफ्फराबाद में पाकिस्तान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें 2 लोगों की मौत हुई तो वहीं 18 अन्य घायल हो गए. पाकिस्तानी न्यूज चैनलों पर इस हिसंक प्रदर्शन को वीडियो भी चलाया गया, जिसमें पुलिस फायरिंग करते और प्रदर्शनकारी नारे लगाते नजर आ रहे हैं. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे कश्मीरियों पर पिस्टल से अंधाधुंध गोलीबारी की जा रही है.
शहबाज सरकार ने सुरक्षाबलों की तैनाती की
मौलिक अधिकारों के हनन के विरोध में PoK में पिछले कुछ सालों से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. अवामी एक्शन कमेटी (AAC) ने सोमवार (29 सितंबर 2025) को पीओके में विरोध प्रदर्शन के लिए हड़ताल बुलाया था. लोगों के गुस्से को देखते हुए पाकिस्तान की सरकार ने इस इलाके में बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की है. वहीं भीड़ को रोकने के लिए रविवार (28 सितंबर 2025) को रात से इंटरनेट बैन कर दिया था.
क्या है प्रदर्शनकारियों की मांगें?
अवामी एक्शन कमेटी की पाकिस्तान सरकार से 38 मांगें हैं, जिनमें पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए पीओके विधानसभा में आरक्षित 12 सीटों को खत्म करना भी शामिल है. इसके बारे में स्थानीय लोगों का तर्क है कि यह प्रतिनिधि शासन को कमजोर करता है. इसके अलावा वहां के लोग महंगाई, बेरोजगारी और पाकिस्तानी सेना के ज्यादतियों के खिलाफ भी सड़कों पर उतरे हैं.
PoK के लोगों ने पाक पीएम को दी चेतावनी
AAC नेता शौकत नवाज मीर ने कहा, “हमारा अभियान उन मौलिक अधिकारों के लिए है, जो 70 वर्षों से हमारे लोगों को नहीं दिए गए हैं… या तो अधिकार दिलाएं या लोगों के गुस्से का सामना करें.” पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि लोगों का धैर्य जवाब दे चुका है और अधिकारी अब सतर्क हो गए हैं. उन्होंने कहा कि AAC के पास बैकअप और सख्त प्लान भी है.
सेना ने सख्ती से इस विरोध प्रदर्शन का जवाब दिया है. पाकिस्तानी सेना भारी हथियारों के साथ पीओके कस्बों में फ्लैग मार्च कर रही है. इस्लामाबाद से 1,000 अतिरिक्त सैनिक पीओके भेजे गए हैं.
ये भी पढ़ें : PM मोदी ने जॉर्जिया मेलोनी की आत्मकथा में लिखी प्रस्तावना, कहा- ‘यह मैं दोस्ती की भावना से कर रहा’